सीधी (म.प्र.)
सीधी जिले से महज 30 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत रामपुर का बुड़वा गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां के लोग पिछले सात साल से पक्की सड़क और मजबूत पुलिया का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। खासतौर पर बरसात के मौसम में यहां की परेशानी कई गुना बढ़ जाती है, जब नदी पर बना छोटा रपटा कुछ घंटों की बारिश में ही लबालब भर जाता है और पूरा गांव बाहरी दुनिया से कट जाता है।
2018 में मिला था वादा, अब तक अधूरा
गांववासियों के मुताबिक, साल 2018 में सांसद ने गांव का दौरा किया था और पक्की सड़क व पुलिया निर्माण का वादा किया था। लोगों को उम्मीद थी कि अब उनकी समस्या खत्म होगी, लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस हैं। न सड़क बनी और न पुलिया। इस दौरान कई बार पंचायत और प्रशासन से शिकायतें की गईं, लेकिन सिर्फ फाइलों में कार्रवाई होती रही।
बरसात में बढ़ जाती मुश्किलें
गांव में प्रवेश का एकमात्र रास्ता नदी पर बने रपटे से होकर गुजरता है। थोड़ी सी बारिश होते ही यह रपटा पानी से भर जाता है, जिससे गांव का संपर्क रीवा, मनगवां और आसपास के कस्बों से पूरी तरह टूट जाता है। हाल ही में हुई बारिश में दो बार नदी का पानी घरों तक घुस गया। लोग जान जोखिम में डालकर घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए।
बरसात के दिनों में बच्चों का स्कूल जाना बंद हो जाता है, मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाते, और जरूरी सामान लाने के लिए भी ग्रामीणों को घंटों पानी उतरने का इंतजार करना पड़ता है।

जनप्रतिनिधियों पर आरोप
गांववासियों का कहना है कि सरपंच, विधायक और सांसद सभी को इस समस्या की पूरी जानकारी है। चुनाव के समय नेता वोट मांगने जरूर आते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद किसी ने गांव की सुध नहीं ली।
गांव के निवासी रवी शुक्ला, सौरभ मिश्रा, अंकित शुक्ला, राहुल शुक्ला, प्रवेश शुक्ला, सचिन शुक्ला, कुलदीप शुक्ला, आशीष शुक्ला, सूरज शुक्ला, पुनीत शुक्ला और नितिन शुक्ला ने संयुक्त रूप से कहा कि विकास के नाम पर सिर्फ वादे सुनने को मिले हैं, जमीन पर एक ईंट भी नहीं लगी।
आंदोलन की चेतावनी
गांववासियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़क और पुलिया निर्माण का काम शुरू नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ सुविधा की बात नहीं है, बल्कि उनकी जान और सुरक्षा का भी सवाल है।
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ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि दशकों पुरानी इस समस्या का तत्काल समाधान किया जाए, ताकि बरसात के दिनों में उन्हें हर बार इस कैद की जिंदगी न जीनी पड़े। गांव के लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इस बार उनकी आवाज अनसुनी नहीं होगी और उन्हें पक्की सड़क व मजबूत पुलिया की सौगात जल्द मिलेगी।