जबलपुर
मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से “चुनाव चोरी” का मुद्दा गरमा गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है और इसके ठोस प्रमाण राहुल गांधी के पास मौजूद हैं।
जीतू पटवारी ने सोमवार, 11 अगस्त को जबलपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा – “राहुल गांधी जो मुद्दा उठा रहे हैं, वह किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं है, बल्कि लोकतंत्र को बचाने के लिए है। यह ज़रूरी है कि आपका, आपके बेटे का और आने वाली पीढ़ियों का मताधिकार सुरक्षित रहे, तभी संविधान पर जनता का भरोसा बना रहेगा।”
चुनाव आयोग पर सवाल
पटवारी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों में चुनाव में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने दावा किया कि जब से उन्होंने खुलासा करने की घोषणा की है, तब से राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पिछले तीन दिनों से बंद है।

उन्होंने कहा – “जबलपुर में ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि एक हजार से ज़्यादा घर हैं, जहां एक ही पते पर 50 से अधिक वोटर दर्ज हैं। यह चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है।”
13 अगस्त को होगा खुलासा
पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा – “लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने की खुली दुर्भावना रखने वालों की साजिशों को उजागर करना ज़रूरी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस 13 अगस्त को ‘मप्र विधानसभा चुनाव 2023’ की चुनाव चोरी का खुलासा करेगी।”
नरोत्तम मिश्रा का पलटवार
कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी नेता और पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा – “राहुल गांधी जिस कर्नाटक में वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं, वहां उनकी ही कांग्रेस पार्टी की सरकार है। अगर वोट बढ़े या घटे हैं तो उनके ही मंत्री जिम्मेदार हैं। फिर वे आरोप किस पर लगा रहे हैं?”
मिश्रा ने आगे कहा – “जब उनके मंत्री एन. राजन्ना ने इन आरोपों की पोल खोली तो उन्होंने उनसे इस्तीफा मांग लिया। संविधान बचाने के नाम पर लाल किताब लेकर घूम रहे हैं, एक बार उसे पढ़ लें, उसमें लिखा क्या है? देश में भ्रम फैलाने की कोशिश बेकार है।”
राजनीति में बढ़ी सरगर्मी
कांग्रेस के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विपक्ष इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बता रहा है, जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी इसे झूठा प्रचार और जनता को गुमराह करने की रणनीति बता रही है।
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अब सबकी निगाहें 13 अगस्त पर टिकी हैं, जब जीतू पटवारी अपने बताए हुए “चुनाव चोरी” के सबूत जनता के सामने पेश करेंगे। यह खुलासा प्रदेश की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है या फिर यह सिर्फ़ एक और राजनीतिक बयान साबित होगा – यह देखना बाकी है।