मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के किसानों और पशुपालकों को बड़ी सौगात दी है। रतलाम जिले के कुंडाल गांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश को साल 2028 तक ‘मिल्क कैपिटल’ (Milk Capital) बनाया जाएगा। इसके तहत अब गाय का दूध भी सरकार खरीदेगी और किसानों को 10 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
गाय का दूध भी अब खरीदेगी सरकार
अब तक प्रदेश में डेयरी यूनिट्स के तहत सिर्फ भैंस का दूध खरीदा जाता था, लेकिन मुख्यमंत्री यादव ने साफ किया कि अब गाय का दूध भी सरकारी खरीद में शामिल होगा। खास बात यह है कि दूध की कीमतें ज्यादा तय की जाएंगी, जिससे पशुपालकों और किसानों को सीधा आर्थिक लाभ होगा।
किसानों को 10 लाख रुपये तक की मदद
इस नई पहल के तहत गाय खरीदने और डेयरी यूनिट शुरू करने वाले किसानों को 10 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें पशुपालन की ओर प्रोत्साहित करना है। सीएम ने कहा कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी और प्रदेश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी।
गौशाला यूनिट और नई सुविधाएं
सरकार ने प्रदेशभर में नई गौशाला यूनिट स्थापित करने का भी ऐलान किया है। 25 गायों की क्षमता वाली इन यूनिट्स पर करीब 42 लाख रुपये तक की लागत आएगी। इससे न केवल पशुपालकों को डेयरी से जुड़े उत्पाद आसानी से उपलब्ध होंगे, बल्कि दूध और दुग्ध उत्पादों के कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

रतलाम से हुई शुरुआत
इस योजना की शुरुआत रतलाम जिले के कुंडाल गांव से हुई है, जिसे दूध उत्पादन के लिए पहले से ही अग्रणी क्षेत्र माना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में पूरे प्रदेश में यह योजना लागू की जाएगी, ताकि हर जिले के किसान और पशुपालक इससे जुड़ सकें।
रोजगार और युवाओं को फायदा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा कि इस योजना से न केवल किसानों और पशुपालकों को लाभ मिलेगा, बल्कि युवाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। डेयरी सेक्टर में बढ़ती मांग से हजारों लोगों को सीधा और परोक्ष रोजगार मिलेगा। साथ ही, सरकार ने आश्वासन दिया कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में खाली पदों पर जल्द भर्ती की जाएगी।
किसानों की ताकत बनेगा प्रदेश
सीएम ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश की असली ताकत उसके किसान और पशुपालक हैं। सरकार का लक्ष्य है कि उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले और प्रदेश दूध उत्पादन के मामले में पूरे देश में अग्रणी बने।
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इस योजना से मध्य प्रदेश न केवल दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा बल्कि पशुपालन से जुड़ी अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई मिलेगी।