सरकार की सभी योजनाएं नदारद होती दिख रही है, चाहे वह कोई भी छेत्र हो। जहा एक तरफ जहां सरकार के द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, वहीं दूसरी तरफ शिक्षा और स्वास्थ्य में व्यवस्थाएं लाचार पड़ी हुई हैं। अगर विद्यालय में शिक्षक हैं तो, विद्यार्थी नहीं ,कहीं विद्यार्थी हैं तो शिक्षक नहीं है। ऐसी विफल कार्यव्यवस्था को सही ढंग से संचालित करने के लिए सरकार को ही ठोस कदम उठाने पड़ेंगे।

खबर है सीधी जिले के बहरी तहसील अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय झिंगाझर की जहां पर एक शिक्षक के भरोसे संपूर्ण विद्यालय का संचालन हो रहा है। जन शिक्षा केंद्र अमरपुर के विद्यालय के प्रधानाध्यापक गेंद लाल रावत के द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक 1 से 8 तक विद्यालय है, यहां लगभग डेढ़ सौ के करीबन विद्यार्थी हैं, विद्यालय परिसर में सिर्फ एक ही शिक्षक हैं, जिनके ऊपर पठन-पाठन की सारी जिम्मेदारियां है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की अभी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हुई है, रेगुलर शिक्षक विद्यालय में सिर्फ वे अकेले है।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि विद्यालय में शिक्षकों की भरती जल्द से जल्द की जाए ताकि पठन-पाठन में व्यवधान न हो। अब ये तो वक्त ही बताएगा कि विद्यालय को कब तक शिक्षक की कमी पूरी होगी। एक शिक्षक पूरे विद्यालय को किस प्रकार से संचालित कर रहे हैं यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।
