उमरिया। खरीफ सीजन में यूरिया खाद की किल्लत किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। उमरिया जिले के मानपुर क्षेत्र में सोमवार को हुए यूरिया वितरण में भारी अव्यवस्था देखने को मिली। हजारों की संख्या में जुटे किसानों को घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ा, जबकि पर्ची काटने के लिए मात्र एक कर्मचारी ही मौजूद था।
2000 किसानों पर एक कर्मचारी
जानकारी के अनुसार, गोदाम पर करीब 1800 से 2000 किसान खाद लेने पहुंचे थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई। किसानों का आरोप है कि एकमात्र कर्मचारी पर्ची बांट रहा था, जिससे लाइन में लगे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
ब्लैक में हो रही बिक्री
किसानों ने गंभीर आरोप लगाया कि गोदाम से यूरिया बाजार में महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। उनका कहना है कि विभागीय कर्मचारियों और व्यापारियों की मिलीभगत से बड़ी मात्रा में खाद बाजार भेज दी जाती है। नतीजतन, जरूरतमंद किसानों को खाद समय पर नहीं मिल पाती।
जांच केवल औपचारिकता
किसानों का आरोप है कि जब भी जांच होती है, अधिकारी केवल औपचारिकता निभाकर चले जाते हैं। इस बार भी गोदाम प्रभारी ने सांठगांठ कर मामले को दबाने की कोशिश की। किसानों को थोड़ी-बहुत राहत मिली, लेकिन उसे उन्होंने “ऊंट के मुंह में जीरा” बताया।
अधिकारी रहे नदारद
इतनी बड़ी अव्यवस्था के बावजूद न तो कोई वरिष्ठ विभागीय अधिकारी और न ही स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा। किसानों ने कहा कि उनकी पीड़ा पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
किसानों की दयनीय स्थिति
लंबी लाइनों और धूप में खड़े रहने से किसान बेहद परेशान और लाचार नजर आए। उनका कहना है कि समय पर खाद न मिलने से फसल पर बुरा असर पड़ेगा और पैदावार घट जाएगी।
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किसानों ने स्पष्ट कहा है कि गोदामों में पारदर्शी व्यवस्था के तहत ही यूरिया का वितरण होना चाहिए। साथ ही ब्लैक मार्केटिंग में शामिल कर्मचारियों और व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि आगे ऐसी समस्या न हो।
यह घटना बताती है कि कृषि सीजन में खाद की आपूर्ति और वितरण व्यवस्था को दुरुस्त करना कितना जरूरी है।