अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर निर्णय को सुरक्षित रखा गया और जमानत याचिका पर सुनवाई को 29 जुलाई की तारीख तय हुई है। अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने रिप्रेजेंट किया। उन्होंने जिरह के दौरान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि जैसे इमरान खान को पहले एक कोर्ट से जमानत मिलती है और फिर उन्हें दोबारा अरेस्ट कर लिया जाता है, ऐसा भारत में नहीं होता है, अभी कुछ दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत से जमानत मिली थी लेकिन फिर से उन्हें सीबीआई ने अपने गिरफ्तार कर लिया था।

उन्होंने कहा की सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं था, उन्होंने बिना आधार के ही अरविंद केजरीवाल को अरेस्ट कर लिया है। अरविंद केजरीवाल के एक्साइज पॉलिसी स्कैम 2021-22 के चल रहे केस में उनकी मुस्किले बढ़ती हुई दिख रही है, ED यानी की एंफोर्समेट डायरेक्टोरेट की दायर की गई सातवी सप्लीमेंट्री चार्जशीट का संज्ञान लेली गई थी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आप प्रमुख को 12 जुलाई को बुलाया था। लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से इंटरिम जमानत मिल गई थी। लेकिन उसी दिन सीबीआई ने उन्हें कस्टडी में लेने की मांग की जो उन्हे मिल गई।

अब इसी गिरफ्तारी के लिए उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके लिए उनकी गिरफ्तारी को सही बताया गया और जमानत याचिका की सुनवाई को 29 जुलाई कर दिया गया है। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बड़ी बड़ी दलील रखी की सीबीआई बस अरविंद केजरीवाल को सलाखों के पीछे रखना चाहता है, उन्होंने ने तो पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तक का जिक्र कर डाला, लेकिन कोर्ट ने उनकी सारी दलीलों को दरकिनार करते हुए जमानत नहीं दी और गिरफ्तारी जारी रखने का आदेश दिया। सीबीआई की तरफ से डीपी शाह वकील थे।


दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल 2021-22 के एक्साइज पॉलिसी स्कैम के“मुख्य साजिशकर्ता” थे। ED ने मामले में अपने सातवें पूरक आरोपपत्र में कहा है। जांच एजेंसी ने 17 मई को आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें उसने श्री केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी बनाया था। एजेंसी ने कहा कि नॉन विड्रा पॉलिसी को बनाया गया था“साउथ ग्रुप” के फायदे के लिए , जिसने बदले में आप को ₹100 करोड़ की रिश्वत दी थी। इसमें कहा गया है कि केजरीवाल ने कैश ट्रांसफर और हवाला चैनलों का उपयोग करके अपराध की छुपाया है । एजेंसी ने यह भी कहा कि एक्साइज स्कैम लगातार आप के लिए पैसे जुटाने के लिए हुई हैऔर दिल्ली के मुख्यमंत्री इन सभी रिश्वतखोरी में सामिल थे।
“श्री केजरीवाल जानबूझकर गोवा में आप के चुनाव अभियान में अपराध की आय का इस्तेमाल करने में शामिल हुए, जिसके वे संयोजक और अंतिम निर्णयकर्ता हैं।”इसके अलावा, जनता से टिप्पणी/सुझाव मांगना भी केवल दिखावा ही था ” ईडी ने कहा। इसमें तेलुगु देशम पार्टी के लोकसभा सदस्य मगुंटा एस. रेड्डी और उनके बेटे राघव मगुंटा का भी हवाला दिया गया है, जो दोनों ही मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बन गए हैं। इन सभी साक्ष्यों को देखते हुए तो यही कयास लगाया जा सकता है की अरविंद केजरीवाल और आप की मुश्किल बढ़ती ही जाएंगी।