Homeप्रदेशमझिगवां-बघवार सीमेंट प्लांट को लेकर कांग्रेस और ग्रामीणों का विरोध

मझिगवां-बघवार सीमेंट प्लांट को लेकर कांग्रेस और ग्रामीणों का विरोध

सीधी।
जिले के मझिगवां-बघवार स्थित सीमेंट प्लांट को लेकर बुधवार को कांग्रेस ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। पूर्व जनपद पंचायत रामपुर नैकिन अध्यक्ष केडी सिंह और युवा नेता ज्ञानेंद्र अग्निहोत्री के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर स्वरोचिस सोमवंशी से मिला और अपनी समस्याएं विस्तार से रखीं।

रोजगार और विस्थापन का मुद्दा

बैठक में ग्रामीणों ने सबसे पहले रोजगार के सवाल को उठाया। उनका कहना था कि कंपनी स्थानीय युवाओं और संविदाकारों की उपेक्षा कर बाहरी लोगों को रोजगार दे रही है। क्लिंकर परिवहन का कार्य भी स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को न देकर बाहरी ठेकेदारों को दिया जा रहा है। वहीं, माइंस क्षेत्र में हो रहे विस्थापन से आदिवासी बस्तियों में असुरक्षा का माहौल है।

प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं

ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाया कि प्लांट में दुर्गंधयुक्त कचरे का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। इसका सीधा असर आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। कंपनी के स्वास्थ्य केंद्र में न तो विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं और न ही जरूरी चिकित्सा सुविधाएँ, जिसके चलते ग्रामीणों को इलाज के लिए अन्यत्र जाना पड़ता है।

शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी का सवाल

कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि प्लांट प्रबंधन ने सीएसआर और खनिज निधि का सही उपयोग नहीं किया है। स्थानीय विकास कार्यों पर अपेक्षित राशि खर्च नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी के सरदार पटेल और जय ज्योति स्कूल में स्थानीय बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, जो शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है।

कृषि और संरचनाओं पर असर

ग्रामीणों ने बताया कि लगातार हो रहे प्रदूषण से खेती की भूमि की उर्वरता घट रही है। वहीं, माइंस में की जा रही ब्लास्टिंग से घरों की दीवारों में दरारें पड़ रही हैं, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि अधिगृहीत वन भूमि की भरपाई दूरदराज के क्षेत्रों में की जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा।

चेतावनी: 15 दिन में समाधान नहीं तो आंदोलन

बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं और ग्रामीणों ने कलेक्टर को साफ चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे सीमेंट कंपनी के खिलाफ उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

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मझिगवां-बघवार सीमेंट प्लांट को लेकर ग्रामीणों की नाराज़गी लगातार बढ़ रही है। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे अहम मुद्दों पर उठ रही शिकायतों ने प्रशासन को भी गंभीर सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि 15 दिन की इस चेतावनी अवधि में कंपनी और प्रशासन क्या कदम उठाते हैं

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