जबलपुर। अक्षय कुमार और अरशद वारसी की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली एलएलबी 3 अभी सिनेमाघरों तक पहुंची भी नहीं है और उससे पहले ही विवादों में फंस गई है। फिल्म 19 सितंबर को रिलीज होने वाली है, लेकिन मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका ने फिल्म निर्माताओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अधिवक्ता प्रांजल तिवारी ने जबलपुर खंडपीठ में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि फिल्म का एक गीत वकीलों और न्यायपालिका की छवि को धूमिल करता है। अदालत इस मामले में 9 सितंबर को सुनवाई करेगी।
फिल्म और गाने पर उठी आपत्ति
फिल्म की कहानी वकीलों और कोर्टरूम पर आधारित है। याचिका में दावा किया गया है कि इसमें वकालत के पेशे को हास्य और व्यंग्य का साधन बनाकर दिखाया गया है। खास तौर पर फिल्म के गाने “भाई वकील है” पर आपत्ति जताई गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस गाने के बोल और फिल्म का प्रस्तुतिकरण वकालत की गरिमा और न्यायिक व्यवस्था का मज़ाक उड़ाता है।
एडवोकेट प्रांजल तिवारी का कहना है कि यह फिल्म दर्शकों के सामने कानून और वकीलों की गलत तस्वीर पेश कर सकती है। उन्होंने कहा कि वकालत केवल एक पेशा नहीं बल्कि न्याय दिलाने का माध्यम है और इसे मजाक के तौर पर पेश करना समाज में गलत संदेश देगा।
किन्हें बनाया गया पक्षकार
दायर याचिका में मध्यप्रदेश सरकार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि फिल्म की रिलीज से पहले विवादित गाने और आपत्तिजनक दृश्यों को हटाया जाए।
9 सितंबर को होगी सुनवाई
हाई कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और मामले की सुनवाई 9 सितंबर को तय की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस पर क्या रुख अपनाती है। अगर कोर्ट फिल्म के किसी हिस्से पर रोक लगाने या बदलाव का आदेश देती है तो यह निर्माताओं के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

OMG 2 को भी मिली थी चुनौती
यह पहली बार नहीं है जब अक्षय कुमार की किसी फिल्म को कोर्ट में घसीटा गया हो। कुछ ही समय पहले उनकी फिल्म OMG 2 को भी एमपी हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस समय उज्जैन के महाकाल मंदिर के पुजारी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि फिल्म में भगवान शिव की छवि को गलत तरीके से दिखाया गया है। याचिका में आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने और फिल्म निर्माताओं से सार्वजनिक माफी की मांग की गई थी।
फिल्म इंडस्ट्री और विवादों का रिश्ता
फिल्म इंडस्ट्री और विवादों का पुराना नाता रहा है। खासकर जब फिल्मों में धर्म, न्यायपालिका या सामाजिक संस्थाओं पर आधारित कथानक पेश किए जाते हैं तो अक्सर आपत्ति उठती रही है। जॉली एलएलबी सीरीज भी इसी श्रेणी की फिल्मों में आती है। यह ब्लैक कॉमेडी कोर्टरूम ड्रामा है, जिसमें न्याय व्यवस्था और वकीलों के कामकाज को व्यंग्यात्मक तरीके से दिखाया गया है।
सीरीज की पहली दोनों फिल्मों ने अच्छा प्रदर्शन किया था और दर्शकों को खूब पसंद आई थीं। अब तीसरे भाग को लेकर भी दर्शकों में उत्सुकता बनी हुई है। हालांकि, रिलीज से पहले ही अदालत की दहलीज तक पहुंच जाना फिल्म निर्माताओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
अब नजरें हाई कोर्ट के फैसले पर
फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े जानकार मानते हैं कि विवादों का असर अक्सर फिल्मों की पब्लिसिटी पर पड़ता है। कई बार विवादों के कारण फिल्म और ज्यादा चर्चा में आ जाती है। लेकिन यह भी सच है कि अगर कोर्ट से रोक या बदलाव का आदेश आता है तो निर्माताओं को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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अब सबकी निगाहें 9 सितंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। यह देखना अहम होगा कि अदालत जॉली एलएलबी 3 को राहत देती है या फिर फिल्म की रिलीज पर अंकुश लगाती है। फिलहाल, इस विवाद ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि फिल्मों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संस्थाओं की गरिमा के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।