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GST का नया ढांचा: क्या हुआ सस्ता और किन चीज़ों पर बढ़ेगा बोझ

नई दिल्ली। देश में 22 सितंबर 2025 से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) का नया ढांचा लागू हो जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने लंबे विचार-विमर्श के बाद टैक्स स्लैब को सरल बनाने का फैसला किया है। अब केवल दो दरें ही रहेंगी – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। यानी कई चीज़ों पर टैक्स घटेगा, लेकिन कुछ लग्जरी और शौक से जुड़ी वस्तुएं महंगी हो जाएंगी।

क्या होगा सस्ता?

नए प्रावधान के मुताबिक, छोटे और मीडियम सेगमेंट के लिए राहत भरी खबर है। टीवी, एयर कंडीशनर, 350 सीसी से कम इंजन वाली मोटरसाइकिलें, छोटी कारें और कुछ घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान पहले से सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं और दवाइयों को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। 33 ज़रूरी दवाएं, जिनमें कैंसर और गंभीर बीमारियों का इलाज करने वाली दवाएं भी शामिल हैं, को पूरी तरह टैक्स-फ्री कर दिया गया है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर भी अब टैक्स नहीं लगेगा। यह फैसला आम आदमी को सीधा फायदा देगा।

लेकिन सब कुछ सस्ता नहीं

सरकार ने जहां आम ज़रूरतों के सामान और सेवाओं को राहत दी है, वहीं कुछ प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दरें बढ़ा दी गई हैं। खासकर वे चीजें जिन्हें लग्जरी या ‘शौक’ से जोड़ा जाता है। इसका सीधा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो इन महंगे सामानों या सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।

1. पान मसाला और तंबाकू उत्पाद

तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, बीड़ी और सिगरेट पर अब पहले से अधिक टैक्स देना होगा। अभी तक इन पर 28% जीएसटी के साथ अलग-अलग सेस लगाया जाता था। गुटखा पर तो 200% से अधिक उपकर भी लगता है। लेकिन अब इन उत्पादों को 40% टैक्स की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि सरकार ने साफ किया है कि इस प्रावधान को लागू करने की तारीख बाद में घोषित की जाएगी।

2. महंगे कपड़े और जूते

कपड़ों के शौकीनों को बड़ा झटका लग सकता है। 2,500 रुपये से ज्यादा कीमत वाले कपड़ों पर जीएसटी दर को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। इसी तरह जूतों पर भी यही टैक्स लागू होगा। यानी ब्रांडेड और हाई-फैशन पहनावे अब और महंगे हो जाएंगे।

3. कोल्ड ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक

सॉफ्ट ड्रिंक, सोडा, टॉनिक वॉटर, फ्रूट जूस वाले कार्बोनेटेड पेय और एनर्जी ड्रिंक पर टैक्स की दरें बढ़ा दी गई हैं। पहले इन पर 28% जीएसटी लगता था, लेकिन अब यह 40% हो जाएगा। चीनी और कैफीन की मात्रा वाले पेय पदार्थों पर भी यही टैक्स लागू होगा। यानी अब गला तर करने के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी।

4. प्राइवेट एयरक्राफ्ट और यॉट

धनाढ्य वर्ग के लिए बुरी खबर है। निजी हवाई जहाज और यॉट पर टैक्स दरें बढ़कर 40% हो गई हैं। ऐसे में लग्जरी जीवनशैली पहले से ज्यादा महंगी हो जाएगी।

5. पिस्तौल और रिवॉल्वर

शौकिया हथियार रखने वालों पर भी बोझ बढ़ा है। पिस्तौल और रिवॉल्वर पर जीएसटी दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी गई है। यानी अब इन हथियारों का शौक पहले से महंगा हो जाएगा।

लग्जरी कारों को लेकर संशय

जहां छोटी और मिड-सेगमेंट कारों की कीमतें घटेंगी, वहीं लग्जरी कारों को लेकर अभी भी असमंजस है। चर्चा है कि उन पर भी टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव होगा, लेकिन दरें और अंतिम व्यवस्था पर सरकार ने अभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।

आम उपभोक्ता और उद्योग पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए जीएसटी ढांचे से आम उपभोक्ता को राहत मिलेगी क्योंकि रोज़मर्रा के कई सामान सस्ते हो रहे हैं। खासकर इलेक्ट्रॉनिक आइटम और दवाइयों के दाम कम होने से लोगों को सीधे फायदा मिलेगा। हालांकि लग्जरी प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ने से बाजार पर कुछ असर पड़ेगा। उद्योग जगत का कहना है कि लंबे समय में यह कदम सरकार के राजस्व को संतुलित रखने और टैक्स सिस्टम को आसान बनाने में मदद करेगा।

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22 सितंबर से लागू होने वाला नया जीएसटी स्ट्रक्चर आम आदमी के लिए राहत और लग्जरी पसंद करने वालों के लिए चुनौती लेकर आ रहा है। जहां दवाइयां, बीमा और छोटे घरेलू सामान किफायती होंगे, वहीं पान मसाला, तंबाकू, महंगे कपड़े, कोल्ड ड्रिंक, प्राइवेट एयरक्राफ्ट और हथियारों पर खर्च बढ़ जाएगा। सरकार का दावा है कि यह बदलाव टैक्स व्यवस्था को पारदर्शी और सरल बनाएगा, लेकिन उपभोक्ता वर्ग पर इसका असर अलग-अलग तरीके से देखने को मिलेगा।

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