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विजयपुर :- आदिवासी ने मंच से रामनिवास रावत को दी करारी नसीहत, खुला दर्द

विजयपुर:- मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की अंदरूनी कलह एक बार फिर उभरकर सामने आई है। गुरुवार को कराहल में आयोजित तेंदूपत्ता बोनस वितरण के कार्यक्रम में पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने वन मंत्री रामनिवास रावत को मंच पर नसीहत दे डाली, जिससे वहां मौजूद नेता और लोग चकित रह गए।

सीताराम का मंच से छलका दर्द

कार्यक्रम के दौरान जब पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने अपने संबोधन की शुरुआत की, तो उनकी आवाज में दर्द और नाराजगी स्पष्ट रूप से झलक रही थी। उन्होंने मंच से कहा, “भाजपा ने मुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे विधायक बनाया है, और आगे भी कोई आदिवासी विधायक बन सकता है। लेकिन वन मंत्री रामनिवास रावत ने कांग्रेस में रहते हुए आदिवासी समुदाय को भूलने की कोशिश की। अब, भाजपा में आकर वे अच्छा काम करने का दावा कर रहे हैं।”

पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी

“मैं किसी से डरता नहीं हूं”- सीताराम

सीताराम ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे किसी भी नेता से डरते नहीं हैं और उन्होंने वन मंत्री रावत को सलाह दी कि कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं होना चाहिए। “सभी को समान दृष्टि से देखना चाहिए ताकि हमारी सरकार की बदनामी न हो। मैं रामनिवास रावत से कहना चाहता हूं कि आप अपने समाज को समझा लें कि किसी प्रकार का लड़ाई-झगड़ा न हो। आदिवासी समाज अब जागरूक है और लडऩे को तैयार है। आप भी अपने समाज को सही राह पर रखें।”

पूर्व विधायक ने यह भी कहा, “चुनाव की चिंता न करें, हम आपको जीताएंगे।”

रामनिवास रावत के भाजपा में आने से नाराजगी

यह ध्यान देने योग्य है कि वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत के भाजपा में शामिल होने के बाद सीताराम आदिवासी की नाराजगी साफ नजर आ रही है। सीताराम पहले ही टिकट की दावेदारी को लेकर बयान दे चुके हैं और हाल ही में संगठन स्तर पर उन्हें समझाइश दी गई थी। उन्होंने विजयपुर से टिकट का दावा छोड़ दिया है, लेकिन रामनिवास रावत की भाजपा में उपस्थिति को वे अब भी पचा नहीं पा रहे हैं।

निष्कर्ष

पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी का यह विवाद और उनके द्वारा मंच पर की गई टिप्पणियाँ भाजपा की अंदरूनी राजनीति और आदिवासी समाज की राजनीति में गहराई से प्रभाव डाल सकती हैं। इससे स्पष्ट है कि विजयपुर में भाजपा की राह में कई अड़चनें और अंदरूनी संघर्ष चल रहे हैं।

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