मुंबई – अभिनेता अरशद वारसी ने हाल ही में एक बयान में दावा किया कि उन्हें 1993 में रिलीज हुई फिल्म रूप की रानी चोरों का राजा के गाने की कोरियोग्राफी के लिए पूरे पैसे नहीं मिले। इस बयान ने फिल्म उद्योग में हलचल मचा दी है, खासकर तब जब फिल्म के निर्माता बोनी कपूर ने अरशद के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है।
अरशद वारसी ने Unfiltered by Samdish के यू-ट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्हें कोरियोग्राफी के लिए पहले तय की गई राशि से कम भुगतान किया गया। वारसी ने कहा, “फिल्म के गाने को कोरियोग्राफ करने के लिए मुझसे चार दिनों का समय मांगा गया था, लेकिन मैंने इसे तीन दिन में पूरा कर दिया। जब मैंने अपना चेक लिया, तो मुझे 75 हजार रुपए दिए गए, जबकि पहले एक लाख रुपए का वादा किया गया था।”

अरशद ने आगे कहा कि उन्होंने प्रोडक्शन हाउस से अतिरिक्त पैसे की मांग की, क्योंकि उन्होंने अपना काम समय से पहले पूरा कर दिया था। लेकिन प्रोडक्शन हाउस ने उन्हें वही राशि देने की बात की, जो पहले तय की गई थी।
मुंबई बोनी कपूर की प्रतिक्रिया
अरशद के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने कहा, “अरशद के बयान को पढ़कर मुझे हंसी आई। उस समय, 1992 में, वह एक स्थापित स्टार नहीं थे। उस समय उन्हें इतनी ज्यादा फीस देने का कोई कारण नहीं था।”
बोनी कपूर ने स्पष्ट किया कि गाने का निर्देशन पंकज पराशर कर रहे थे और इसे दो भागों में शूट किया जाना था। लेकिन पंकज पराशर ने इसे तीन दिनों में पूरा कर दिया। कपूर ने कहा, “हमें लगा कि गाने को शूट करने में चार दिन लगेंगे, लेकिन पंकज ने इसे तीन दिनों में ही पूरा कर दिया। इसलिए, अरशद को 75 हजार रुपए दिए गए।”
उन्होंने यह भी कहा कि अरशद ने पहले कभी इस मुद्दे को उठाया नहीं और अब अचानक से मीडिया में इसे लाकर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।
फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर असफलता
यह ध्यान देने योग्य है कि रूप की रानी चोरों का राजा उस समय की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी। फिल्म का बजट 10 करोड़ रुपए था, लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर असफल रही और सिर्फ 3 करोड़ रुपए ही कमा सकी।
अरशद वारसी के बयान और बोनी कपूर की प्रतिक्रिया ने इस विवाद को नई दिशा दी है, और इस मामले ने फिल्म उद्योग में एक बार फिर से आर्थिक लेन-देन और भुगतान संबंधी मुद्दों पर चर्चा को जन्म दिया है।