सिंगरौली :- मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के देवसर उपखंड के झखरावल गांव में सरकारी चारागाह की 200 एकड़ भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया है। इस घटना पर बजरंग दल के गौरक्षा प्रमुख और स्थानीय नागरिकों ने विरोध जताया है और प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है।
अवैध कब्जे का विरोध
गौरक्षा प्रमुख बजरंग दल के नेतृत्व में देवसर प्रखंड के पदाधिकारियों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मांग की गई है कि राज्य सरकार द्वारा संरक्षित चारागाह की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि भू-माफिया इस भूमि पर अवैध निर्माण कर रहे हैं, जिससे गाँव के गौवंशों के चरने की जगह संकट में पड़ गई है।
गौवंशों को जंगल में खदेड़ा
ग्रामीणों का आरोप है कि भू-माफियाओं और उनके सहयोगियों ने गौवंशों को चरने से रोकने के लिए मारपीट की और उन्हें जंगल में खदेड़ दिया। इस घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह भूमि शासन द्वारा चारागाह के लिए संरक्षित की गई थी, लेकिन अब भू-माफियाओं की गतिविधियों के चलते इस पर अवैध कब्जा किया जा रहा है।
प्रशासन से जिम्मेदारी की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि हल्का पटवारी और आरआई की जवाबदेही तय की जाए, क्योंकि उनके अधीन शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने समय पर हस्तक्षेप नहीं किया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
समृद्ध चारागाह की आवश्यकता
बजरंग दल ने ज्ञापन में कहा है कि चारागाह की भूमि ग्राम के गौवंशों और अन्य पशुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए, इस भूमि को भू-माफियाओं के कब्जे से तत्काल मुक्त कराकर पुनः संरक्षित किया जाना चाहिए। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह शीघ्र ही इस मामले में उचित कदम उठाएगा और शासकीय भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
निष्कर्ष
यह घटना सिंगरौली जिले में प्रशासनिक उदासीनता और भू-माफियाओं के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है। ग्रामीणों की इस मांग को लेकर अब सबकी नजरें प्रशासन की ओर हैं कि वह किस प्रकार से इस मुद्दे का समाधान करता है और शासन की चारागाह की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराता है।
रिपोर्ट:- अर्पित द्विवेदी, WPT न्यूज 24