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रतलाम न्यूज:- के पानी से लबालब भरा अंडर ब्रिज मरीज को खटिया पर लेटाकर पहुंचाया अस्पताल लेकिन

रतलाम, 27 अगस्त 2024: रतलाम जिले के भीलखेड़ी गांव में रविवार की रात एक दर्दनाक घटना घटी, जहां बारिश के पानी से भरे अंडर ब्रिज ने एक बीमार व्यक्ति की जान ले ली। अंडर ब्रिज में करीब 8 से 10 फीट पानी भर जाने के कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, और एक मरीज की एंबुलेंस तक पहुंचने की कोशिश में उसकी जान चली गई।

न्यूज़ हाइलाइट्स

एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए अर्थी की तरह ले जाना पड़ा: रातनलाल भाभर नामक मरीज को जब अचेतावस्था में पाया गया, तो उसे एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए चारपाई पर लेटाकर कंधे पर उठाकर अंडर ब्रिज पार कराना पड़ा। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

बारिश के कारण अंडर ब्रिज भर गया: भारी बारिश के कारण अंडर ब्रिज में इतनी अधिक पानी भर गई थी कि किसी भी वाहन का वहां से गुजरना असंभव हो गया था।

घटना की शुरुआत रविवार शाम को हुई जब रातनलाल भाभर खेत पर जाने के लिए घर से निकले थे और रात को घर वापस नहीं लौटे। सुबह उनके परिवार को सूचित किया गया कि वह खेत पर अचेत पड़े हैं। परिजनों ने उन्हें ट्रैक्टर के माध्यम से रतलाम अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में आने वाले अंडर ब्रिज ने उन्हें रोक दिया।https://g.co/kgs/hH1LuNX

अंडर ब्रिज के उस पार एक एंबुलेंस खड़ी थी, लेकिन उस पार पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं था। इसलिए, रातनलाल को चारपाई पर लेटाकर कुछ ग्रामीणों ने उन्हें अर्थी की तरह कंधे पर उठाकर अंडर ब्रिज पार किया। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, रातनलाल की जान नहीं बचाई जा सकी और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

ग्रामीणों के लिए बनी मुसीबत

रतलाम से इंदौर रेलवे लाइन के बीच बने अंडर ब्रिज ने पिछले पांच वर्षों में ग्रामीणों के लिए समस्याएं बढ़ा दी हैं। बारिश के मौसम में अंडर ब्रिज में पानी भर जाता है, जिससे रतलाम और आसपास के गांवों के लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके कारण, ग्रामीणों को रतलाम तक पहुंचने के लिए 15 से 20 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ता है।

लापरवाही का खामियाजा

ग्रामीणों ने कई बार ग्राम पंचायत और बड़े जनप्रतिनिधियों को इस समस्या के बारे में अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। रेलवे अधिकारियों को इस समस्या के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन उनकी ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब ग्रामीणों को रेलवे अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जिसके कारण यह दर्दनाक घटना घटी है।

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