मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गहमागहमी देखने को मिली है। जब भी कोई नेता चुनाव हारता है या राजनीतिक संकट का सामना करता है, तो एक मशहूर डायलॉग ‘चिंता मत करो, टाइगर अभी जिंदा है’ का प्रयोग होता है। इस बार इस डायलॉग का इस्तेमाल पूर्व सांसद केपी यादव ने यादव महासभा के मंच पर किया है, जो उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर चल रही अटकलों के बीच एक बड़ा बयान साबित हो रहा है।

कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ 2019 में चुनाव जीतने वाले केपी यादव को इस बार लोकसभा का टिकट नहीं मिला था। इसके बाद से उनके राजनीतिक कैरियर पर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। मंगलवार को अशोकनगर के मुंगावली में आयोजित श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव के आयोजन में पहुंचे केपी यादव ने मंच से अपना दर्द बयां किया।
केपी यादव ने कहा, “कुछ लोग मुझे देखकर कुछ कह नहीं रहे थे, लेकिन उनकी आंखों और चेहरों पर उदासी दिखाई दे रही थी। जनता में जोश भरने के लिए मैंने कहा, चिंता ना करें, बंसी वाले पर भरोसा रखें, ‘टाइगर अभी जिंदा है’।”

उनके इस बयान को सुनकर मंच पर मौजूद सिंधिया के करीबी विधायक बृजेंद्र सिंह यादव हंस पड़े। 2019 में सिंधिया को हराने के बाद केपी यादव ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं, लेकिन इस बार लोकसभा टिकट न मिलने से उनके समर्थकों में नाराजगी थी। भाजपा को इस नाराजगी के कारण संभावित नुकसान का डर था।https://g.co/kgs/beXTiUj


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक चुनावी सभा में वोटरों को आश्वस्त किया था कि केपी यादव की चिंता न करें, उनका ध्यान रखा जाएगा। इसके बाद, उम्मीद थी कि सिंधिया की राज्यसभा सीट खाली होने पर केपी यादव को राज्यसभा में भेजा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अब केपी यादव ने अपने समर्थकों और समाज के लोगों से अपनी निराशा साझा करते हुए कहा कि ‘टाइगर अभी जिंदा है’, जो उनके राजनीतिक कैरियर में एक नई उम्मीद का संकेत हो सकता है। इस बयान से यह साफ है कि वे राजनीतिक संघर्ष के बावजूद अपनी स्थिति को बनाए रखने का इरादा रखते हैं और आने वाले समय में और अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

