मध्य प्रदेश- के सिंगरौली जिले में रेत माफियाओं की बर्बरता ने एक आदिवासी किसान की जान ले ली। किसान इंद्रपाल अगरिया पर रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर चढ़ा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर तीखा हमला बोला है।

न्यूज हाइलाइट्स:
- कटनी के बाद सिंगरौली में आदिवासी किसान के साथ अत्याचार: रेत माफिया ने आदिवासी किसान इंद्रपाल अगरिया पर ट्रैक्टर चढ़ाया, जिससे उसकी मौत हो गई।
- रेत माफियाओं ने किसान को पीटा और कुचला: किसान ने रेत माफियाओं को रोकने की कोशिश की, जिसके जवाब में माफिया ने उसे पकड़ा, पीटा और ट्रैक्टर से कुचला।
- कांग्रेस ने मोहन सरकार पर साधा निशाना: कांग्रेस ने इस जघन्य घटना को लेकर मोहन यादव सरकार को कठघरे में खड़ा किया और पूछा कि आदिवासियों के साथ अत्याचार कब रुकेगा
सिंगरौली घटना की पूरी कहानी:
मध्य प्रदेश में खनिज माफिया की क्रूरता की एक और बानगी सिंगरौली में देखने को मिली, जहां आदिवासी किसान इंद्रपाल अगरिया को रेत माफिया ने बेरहमी से मार डाला। इंद्रपाल अगरिया ने अवैध रेत खनन से अपनी फसल को बचाने के लिए माफियाओं को रोका, लेकिन इसके परिणामस्वरूप उसे पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर ट्रैक्टर से कुचल दिया गया। गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाए जाने के बाद उसकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना को “जघन्य” करार देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने सवाल किया है कि आदिवासियों के साथ अत्याचार कब रुकेगा और मोहन यादव की सरकार क्या कर रही है?
कांग्रेस और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सोशल मीडिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रेत माफिया के खिलाफ पुलिस और खनन विभाग की कार्रवाई न होने के कारण यह घटना घटी। पटेल ने आरोप लगाया कि बीजेपी से जुड़े एक पदाधिकारी के माफिया द्वारा ट्रैक्टर से कुचलने का आरोप है और पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “सिंगरौली में आदिवासियों का उत्पीड़न एक और शर्मनाक घटना है। आरोपी बीजेपी से जुड़े हुए हैं और उन्हें संरक्षण मिल रहा है। गृहमंत्री चुप हैं और पुलिस-प्रशासन माफिया की मदद कर रहा है। यदि आदिवासियों का उत्पीड़न इसी तरह जारी रहा, तो वे सड़क पर संघर्ष करने को मजबूर होंगे।”


निष्कर्ष
सिंगरौली में हुई इस बर्बर घटना ने मध्य प्रदेश में माफिया के हौसले को उजागर किया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के नेताओं ने मोहन यादव सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है और मांग की है कि आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार पर जल्द रोक लगाई जाए। इस मुद्दे पर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक संग्राम छिड़ चुका है।