नई दिल्ली: 20वीं सदी के आरंभ में, अलवर के राजा जय सिंह प्रभाकर ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने न केवल ब्रिटिश साम्राज्य को चौंका दिया, बल्कि दुनिया भर में चर्चाओं का विषय बन गया। महाराजा जय सिंह ने रोल्स रॉयस कंपनी को सबक सिखाने के लिए उनकी 10 लक्जरी कारों को कूड़ा उठाने के लिए इस्तेमाल किया। यह घटना आत्मसम्मान और स्वाभिमान की अनूठी मिसाल बन गई।https://www.rolls-roycemotorcars.com/en_GB/home.html

शोरूम में हुआ अपमान
1910 के दशक की शुरुआत में महाराजा जय सिंह इंग्लैंड यात्रा पर थे। एक दिन, साधारण कपड़ों में लंदन के एक रोल्स रॉयस शोरूम में प्रवेश करते समय, उन्हें कर्मचारियों द्वारा गरीब भारतीय समझकर अपमानित किया गया। कर्मचारियों ने उनका मजाक उड़ाया और उन्हें शोरूम से बाहर जाने के लिए कहा। यह व्यवहार महाराजा के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाला था, लेकिन उन्होंने तुरंत पलटवार करने के बजाय एक और अनोखी योजना बनाई।


शाही बदला: कूड़ा उठाने के लिए रोल्स रॉयस
अपमानित होने के बाद, महाराजा अपने होटल वापस गए और शाही पोशाक पहनकर शोरूम लौटे। इस बार शोरूम के कर्मचारी उन्हें पहचान नहीं सके और उनके स्वागत के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया। उन्होंने शोरूम से तुरंत 10 रोल्स रॉयस कारें खरीद लीं। परंतु, जब वह भारत लौटे, तो उन्होंने इन कारों का इस्तेमाल खुद के लिए नहीं, बल्कि अलवर नगर निगम के कूड़ा उठाने के लिए करने का आदेश दिया। इस कदम ने ब्रिटिश हुकूमत को हिला कर रख दिया और दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया।


ब्रिटिश हुकूमत की प्रतिक्रिया और रोल्स रॉयस की माफी
अलवर की सड़कों पर जब रोल्स रॉयस कारों को कूड़ा उठाते हुए देखा गया, तो ब्रिटिश अधिकारियों ने महाराजा से ऐसा न करने की कई बार अपील की। अंततः, रोल्स रॉयस कंपनी के प्रतिनिधि भारत आकर महाराजा से माफी मांगने को विवश हो गए। उन्होंने कचरा उठाने वाली कारों को नई गाड़ियों से बदलने का प्रस्ताव भी दिया, लेकिन महाराजा ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, यह साबित करते हुए कि आत्मसम्मान और स्वाभिमान किसी भी वस्तु से अधिक मूल्यवान है।


गर्व और प्रतिरोध की मिसाल
यह ऐतिहासिक घटना भारतीयों के गर्व और अन्याय के खिलाफ उनके प्रतिरोध की अद्वितीय मिसाल बन गई है। महाराजा जय सिंह का यह कदम आज भी प्रेरणा देता है कि किस प्रकार अपमान का सामना कर, उसे गर्व में बदला जा सकता है। यह घटना भारतीय स्वाभिमान की प्रतीक बनकर आज भी हमारे सीने को गर्व से चौड़ा कर देती है।