रीवा, मध्य प्रदेश:- मंगलवार को सोशल मीडिया पर रीवा के संजय गांधी अस्पताल में पांच बच्चों की मौत की खबर तेजी से वायरल हो गई, जिससे अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे। खबरों के अनुसार, अस्पताल ने इस पूरे मामले में सफाई पेश की है और पांच बच्चों की मौत की सूचना को असत्य और भ्रामक बताया है।
अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा ने स्पष्ट किया कि अस्पताल में मंगलवार को केवल एक बच्चे की मौत हुई है। उनके अनुसार, यह बच्चा हृदय रोग से ग्रसित था और उसे पीलिया की बीमारी भी थी, जिससे उसकी जान बचने की संभावना पहले से ही बहुत कम थी। यह बच्चा कान्हा बुनकर था, जिसकी उम्र 6 वर्ष थी और वह सज्जनपुर का निवासी था।
अधीक्षक मिश्रा ने कहा कि अन्य दो बच्चों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। इनमें से एक बच्चा आशा साकेत था, जिसकी उम्र केवल 1 महीना थी और वह अमरपाटन, जिला सतना का निवासी था। दूसरा बच्चा प्रियांश केवट था, जिसकी उम्र 5 वर्ष थी और वह रामपुर कर्चुलियान, जिला रीवा का निवासी था। इन दोनों बच्चों की मौत भी अस्पताल लाए जाने से पहले ही हो चुकी थी।

अस्पताल प्रबंधन ने वायरल खबरों को पूरी तरह से भ्रामक और निराधार बताया है। अधीक्षक राहुल मिश्रा ने कहा कि सुबह-सुबह कई व्हाट्सएप ग्रुप्स पर इस प्रकार की जानकारी फ्लैश हो रही थी, जो कि असत्य है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों की स्थिति गंभीर होती है और हम अपनी पूरी कोशिश करते हैं कि उनकी जान बचाई जा सके।
रीवा:- संजय गांधी अस्पताल
संजय गांधी अस्पताल की ओर से एक आधिकारिक विज्ञप्ति भी जारी की गई है, जिसमें वायरल हो रही मौतों की खबर को खारिज करते हुए, अस्पताल की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी दी गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि गंभीर स्थिति में अस्पताल आने वाले मरीजों को हर संभव उपचार प्रदान किया जाता है और मौत की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाते हैं।
इस मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं और अस्पताल प्रबंधन ने आश्वस्त किया है कि वे अपने स्तर पर सभी आवश्यक जांच और कार्रवाई कर रहे हैं ताकि ऐसी अफवाहों और गलत सूचनाओं का सही समाधान किया जा सके।