ठाणे, 3 सितंबर 2024:– बदलापुर में हाल ही में हुए एक गंभीर यौन उत्पीड़न मामले को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अदालत ने नए नारे के साथ इस मामले की दिशा को स्पष्ट किया है – “बेटा पढ़ाओ, बेटी बचाओ!”
मामले की पृष्ठभूमि
पिछले महीने बदलापुर के एक स्कूल में तीन और चार साल की दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना सामने आई। इस मामले में एक पुरुष अटेंडेंट को गिरफ्तार कर लिया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस गंभीर मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की।
बदलापुर रेप केस:-अदालत की टिप्पणियाँ
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जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने इस मामले पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की और लड़कों को कम उम्र से ही महिलाओं और लड़कियों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता सिखाने की आवश्यकता पर जोर दिया। जस्टिस डेरे ने सरकारी नारे में बदलाव करते हुए नया नारा पेश किया – “बेटा पढ़ाओ, बेटी बचाओ।”
जस्टिस डेरे ने कहा, “लड़कों को बचपन से ही महिलाओं और लड़कियों के प्रति सम्मानपूर्ण व्यवहार सिखाया जाना चाहिए। यह समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है।”

पुलिस और मेडिकल पेशेवरों के लिए निर्देश
अदालत ने प्राइवेट डॉक्टरों को चेतावनी दी कि वे POCSO अधिनियम के तहत बलात्कार पीड़िता की जांच करने से इनकार न करें। अदालत ने कहा कि पीड़िताओं को पहले पुलिस के पास जाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
अदालत ने पुलिस को भी यह निर्देश दिया कि जल्दबाजी में आरोप पत्र दाखिल करने से बचें और सुनिश्चित करें कि जांच पूरी तरह से और सही तरीके से की जाए।

सुरक्षा और जांच की स्थिति
घटना के तुरंत बाद, एक विशेष समिति का गठन किया गया था, जिसने स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा के उपायों की रिपोर्ट पेश की। हालांकि, अदालत ने रिपोर्ट में एक अधूरे वाक्य पर आपत्ति जताई और पूछा कि सोशल मीडिया पर नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के वीडियो को कैसे हटाया जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार की ओर से महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ़ ने अदालत को आश्वस्त किया कि जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा और महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में लड़कियों की सुरक्षा पर ध्यान देने के लिए एक नई समिति का गठन किया है।
निष्कर्ष
बॉम्बे हाई कोर्ट का यह निर्णय और नया नारा समाज में महिलाओं और बच्चों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मामले की गहन जांच और अदालत के निर्देश आने वाले समय में इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम में सहायक होंगे।