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पुतिन का यूक्रेन से बातचीत के लिए खुला प्रस्ताव: भारत, चीन या ब्राजील कर सकते हैं मध्यस्थता

पुतिन का यूक्रेन से बातचीत के लिए खुला प्रस्ताव– रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से बातचीत के लिए तैयार होने की बात की है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि रूस यूक्रेन की जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। पुतिन ने यह बयान रूस के व्लादिवोस्तोक शहर में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEZ) के दौरान दिया।

भारत, चीन, या ब्राजील की मध्यस्थता

रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि भारत, चीन, या ब्राजील जैसे देश रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं। उनका यह बयान तुर्किये द्वारा 2022 में किए गए प्रयासों के संदर्भ में है, जब तुर्किये ने दोनों देशों के बीच समझौते की कोशिश की थी। पुतिन ने कहा कि तुर्किये की पहल सफल नहीं हो पाई थी, लेकिन अब नए सिरे से बातचीत शुरू की जा सकती है, पिछली कोशिशों को आधार मानते हुए।

पुतिन की शर्तें

रूस और यूक्रेन के बीच जंग के बाद के एक महीने में, तुर्किये ने इस्तांबुल में कई दौर की बातचीत करवाई थी। पुतिन ने जंग रोकने के लिए दो मुख्य शर्तें रखी थीं:

  1. यूक्रेन को दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसोन, और जपोरजिया से अपने सैनिक हटाने होंगे।
  2. यूक्रेन कभी भी नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा।

हालांकि, यूक्रेन ने इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था, जिससे शांति समझौते की संभावनाएं खत्म हो गईं।

जेलेंस्की की भारत में पीस समिट की इच्छा

पुतिन का यह बयान उस समय आया है जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में रूस का दौरा किया था और वहां पुतिन से जंग रोकने पर चर्चा की थी। इसके बाद, अगस्त में पीएम मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया था, जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भारत में दूसरा पीस समिट आयोजित करने की इच्छा जताई थी।

पीएम मोदी ने जेलेंस्की के साथ बैठक में कहा था, “भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। मैंने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी और मीडिया के सामने उन्हें कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।”

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रूस-यूक्रेन जंग की वर्तमान स्थिति

24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग को अब ढाई साल हो चुके हैं। इस दौरान, यूक्रेन के 10,000 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है और 18,500 लोग घायल हुए हैं। रूस ने 2024 के पहले आठ महीनों में यूक्रेन के खिलाफ अपने हमले तेज किए हैं, और अगस्त 2024 में यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क इलाके पर कब्जा कर लिया। यह घटना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार हुई है जब रूस की धरती पर किसी विदेशी ताकत ने कब्जा किया है।

रूस ने 500 कंपनियों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद जंग जारी रखी है। यूक्रेन के हालिया हमलों में रूस के 31 नागरिकों की मौत हो चुकी है, और रूस के खिलाफ यूक्रेन की आक्रामकता बढ़ रही है।

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निष्कर्ष

रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों में अब नए अवसर सामने आ रहे हैं। पुतिन द्वारा बातचीत के लिए तैयार होने के संकेत और भारतीय, चीनी, या ब्राजीलियाई मध्यस्थता की संभावना ने शांति की दिशा में नई उम्मीदें जगा दी हैं। हालांकि, रूस की भूमि पर कब्जा छोड़ने की बात अभी भी एक बड़ा मुद्दा बनी हुई है।

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