सीधी: सहायक समिति प्रबंधक संतोष कुमार त्रिपाठी ने ग्राम पंचायत कोडार के पेसा एक्ट अध्यक्ष द्वारा उन पर लगाए गए खाद्यान्न गबन के आरोपों को झूठा और बेबुनियाद करार दिया है। त्रिपाठी ने आरोपों के खिलाफ सीधी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) को एक आवेदन पत्र सौंपकर जांच की मांग की है।
आरोपों का विवरण
संतोष कुमार त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2020 के दिसंबर से मार्च 2021 के बीच पीएमजे के ए वाय खाद्यान्न का गबन किया। आरोप के अनुसार, त्रिपाठी ने खाद्यान्न की हेरा-फेरी की और इसका वितरण नहीं किया। हालांकि, त्रिपाठी ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा है कि आरोप असत्य और भ्रामक हैं।
त्रिपाठी का स्पष्टीकरण
त्रिपाठी ने अपने आवेदन पत्र में कहा कि दुकान कोड क्रमांक 15 05007 के रिकॉर्ड से स्पष्ट होता है कि आरोपित अवधि के दौरान खाद्यान्न प्राप्त ही नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि यदि खाद्यान्न ही प्राप्त नहीं हुआ, तो वितरण और गबन की बात कैसे हो सकती है। त्रिपाठी का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर भ्रामक जानकारी फैलाकर उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने की साजिश की जा रही है।
जांच की अपील
संतोष कुमार त्रिपाठी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आवेदन पत्र देकर आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आरोपों की सच्चाई का पता लगाने के लिए उचित जांच की जाए ताकि उनकी बेगुनाही साबित हो सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
सीधी:- मुख्य कार्यपालन अधिकारी की भूमिका
अब यह मामला सीधी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पास है, जो उचित जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। त्रिपाठी ने इस संबंध में अपने सहयोग की पेशकश की है और विश्वास जताया है कि सत्यता सामने आएगी।
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संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वह अपनी साख और प्रतिष्ठा को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और इस मामले में न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह किसी भी गलतफहमी या अनियमितता के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए तैयार हैं।