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सीधी समाचार: बनास नदी के तेज बहाव से 25 गांवों में पेयजल संकट, जिम्मेदारों की लापरवाही पर उठे सवाल

सीधी, 11 सितंबर 2024: नगर क्षेत्र और आसपास के 32 ग्रामों को पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए मझौली समूह जल प्रदाय योजना परसिली की स्थापना की गई थी। इस योजना में यह प्रावधान किया गया था कि विषम परिस्थितियों में भी पेयजल सप्लाई बाधित न हो और लोगों को पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े। लेकिन हाल ही में बनास नदी में पानी का तेज बहाव आने के बाद योजना का पूरा सिस्टम ठप्प हो गया है, जिससे नगर परिषद मझौली और 25 ग्रामों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है।

इस संकट की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक माह से इन क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई है। लगातार खबरों के प्रकाशन के बावजूद, संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से स्थिति की गंभीरता को समझने और सुधारने की कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

जलभराव की पूर्व तैयारी की कमी:

जब नदी में संयंत्र स्थापित किया गया था, तो बरसात के मौसम में जलभराव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावनाओं को देखते हुए पूर्व में तैयारी की जानी चाहिए थी। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों ने इस महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा अब ग्रामीण उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। पिछले वर्ष सूखा की स्थिति के कारण कूप और तालाबों में पानी नहीं था, और अब नल जल योजना पर निर्भरता के कारण हैंडपंप भी ठप्प पड़े हैं। परिणामस्वरूप, लोगों को पेयजल के लिए गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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जल निगम की सफाई और आने वाले उपाय:

जल निगम के महाप्रबंधक कृष्णानन्द पाण्डेय और अन्य कर्मचारियों ने इस संकट पर सफाई दी है। उनका कहना है कि बनास नदी में जलभराव के कारण मझौली समूह जल प्रदाय योजना के पंप हाउस, एप्रोच ब्रिज और विद्युत सब स्टेशन में पानी भर गया है। ब्रिज पर जल प्रवाह के कारण परियोजना का काम ठप्प हो गया है। फिलहाल, विद्युत उपकरणों और पंपों की जांच की जा रही है। उपकरणों की साफ-सफाई और टेस्टिंग के बाद जल प्रदाय को कुछ दिनों में पुनः शुरू कर दिया जाएगा।

जिम्मेदारों की लापरवाही पर सवाल:

ग्रामीणों का आरोप है कि परियोजना के प्रबंधक बाढ़ जैसी विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए कोई ठोस योजना तैयार करने में विफल रहे। अति वर्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बरसात पूर्व कोई तैयारी नहीं की गई, जिससे वर्तमान संकट उत्पन्न हुआ। इसके साथ ही, यह भी स्पष्ट नहीं है कि पेयजल आपूर्ति कितने दिनों में शुरू होगी, जिससे ग्रामीणों को अभी भी अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।

इनका कहना:

“पिछले महीने बरसात के कारण बनास नदी में पानी का बहाव और भराव काफी बढ़ गया था, जिससे परियोजना के सिस्टम प्रभावित हुए हैं। सिस्टम की दुरुस्ती के बाद टेस्टिंग कर जल्द ही पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।” – कृष्णानन्द पाण्डेय, व्यवस्थापक मझौली जल प्रदाय योजना।

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