https://g.co/kgs/dXvbD3h नई दिल्ली: ओलंपियन रेसलर और वर्तमान में हरियाणा के जुलाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही विनेश फोगाट ने हाल ही में एक इंटरव्यू में राजनीति में अपने प्रवेश की वजहों और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रही लड़ाई पर अपने विचार साझा किए।

विनेश ने बताया कि उन्होंने पहले राजनीति में न जाने का फैसला किया था, लेकिन रेसलर्स के प्रोटेस्ट के दौरान उन्हें यह एहसास हुआ कि बदलाव लाने के लिए राजनीति में होना जरूरी है। “लोगों ने मुझसे कहा था कि मैं समर्थन खो दूंगी, लेकिन मुझे लोगों का प्यार और सम्मान मिला है,” उन्होंने कहा।


ओलंपिक्स में अयोग्यता और मानसिक संघर्ष
पेरिस ओलंपिक्स में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने पर विनेश ने अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बताते हुए कहा, “मैं एकदम खाली हो गई थी। मैंने फिर से जांच करने की भीख मांगी।”
पीएम की चुप्पी पर सवाल
जंतर-मंतर पर रेसलर्स के प्रोटेस्ट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर विनेश ने कहा, “अगर प्रधानमंत्री वाकई खिलाड़ियों से सच्चा प्यार करते हैं, तो उन्हें आगे आना चाहिए था। चुप रहना खिलाड़ियों के प्रति सच्चा प्यार नहीं है।”
राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा
विनेश ने यह भी बताया कि उनका प्राथमिक ध्यान खेल संघों में हो रही अनियमितताओं को खत्म करने पर होगा। “अगर मेरे जैसे खिलाड़ी ताकतवर होंगे, तो युवा एथलीट हमारे पास मदद मांगने आएंगे। हमें सिस्टम में घुसना होगा,” उन्होंने कहा।
बृजभूषण पर टिप्पणी
बृजभूषण शरण सिंह के राजनीतिक प्रभाव पर बात करते हुए विनेश ने कहा, “वे इसलिए बच रहे हैं क्योंकि वे राजनीतिक रूप से ताकतवर हैं। हमें भी ताकतवर बनना पड़ेगा, वरना हमारा संघर्ष बेकार जाएगा।”
विनेश फोगाट का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि वह केवल खेलों के सुधार के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए भी आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। उनकी बातों में दृढ़ता और साहस झलकता है, जो उनके राजनीतिक सफर के लिए महत्वपूर्ण होगा।
विनेश के चुनावी अभियान को लेकर लोगों में उत्साह बढ़ता जा रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने लक्ष्यों को कितनी प्रभावी ढंग से पूरा कर पाती हैं।