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तिरुपति के लड्डुओं में गोमांस और सुंअर की चर्बी होने का आरोप: YSR कांग्रेस ने हाई कोर्ट का रुख किया

तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डुओं को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाल ही में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डुओं में जानवरों का वसा (फैट) इस्तेमाल किया जाता था।

YSRCP का मांग पत्र

YSRCP के वकील 20 सितंबर को हाई कोर्ट में उपस्थित हुए और मांग की कि कोई मौजूदा जज या हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति इस मामले की जांच करे। कोर्ट ने इस पर सुझाव दिया है कि 25 सितंबर तक एक जनहित याचिका दायर की जाए।

चंद्रबाबू नायडू के आरोप

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार में लड्डुओं में शुद्ध घी का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान गुणवत्ता में कमी आई थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मंदिर की सभी चीजों को सैनेटाइज कर दिया है जिससे प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

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YSRCP की प्रतिक्रिया

YSRCP के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद YV सुब्बा रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के आरोपों को भ्रामक बताते हुए कहा, “चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमाला मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाकर बड़ा पाप किया है। उनके बयान बेहद घटिया हैं और इस तरह की बातें कोई भी इंसान नहीं कह सकता।”

उन्होंने यह भी कहा कि अगर आवश्यक हो, तो वह और उनका परिवार तिरुमाला प्रसाद की शुद्धता को लेकर शपथ लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू को भी ऐसा करने की चुनौती दी।

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लैब रिपोर्ट की पुष्टि

इस बीच, एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की लैब रिपोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू के आरोपों को कुछ हद तक सही साबित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि YSRCP के शासनकाल के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी में पशु वसा की मौजूदगी पाई गई थी। लैब रिपोर्ट में मछली का तेल, गोमांस की चर्बी और सूअर की चर्बी के अंश भी मिले।

निष्कर्ष

तिरुपति लड्डू विवाद ने न केवल राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है, बल्कि भक्तों की आस्था और विश्वास पर भी सवाल उठाए हैं। इस मामले में आगे की सुनवाई और जनहित याचिका दायर करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। भक्तों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि उनके श्रद्धा का प्रतीक प्रसाद कैसे तैयार किया जा रहा है।

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