भोपाल, मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश की डॉ मोहन यादव की सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है, जिससे प्रदेश के नागरिकों की चिंता बढ़ गई है। सरकार 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी, जिसमें 12 साल के लिए 2500 करोड़ और 19 साल के लिए 2500 करोड़ का लोन शामिल है।


बढ़ता कर्ज का आंकड़ा
जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश सरकार बांड गिरवी रखकर आरबीआई से यह रकम लेगी। सरकार के खाते में यह लोन 25 सितंबर को आ जाएगा। गौरतलब है कि 6 अगस्त को भी सरकार ने बाजार से कर्ज लिया था। अब तक मध्यप्रदेश सरकार 3 लाख 95 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है।
MP सरकार की योजनाएं
कर्ज की इस रकम का उपयोग लाडली बहना योजना, कर्मचारियों की सैलरी और रिटायर्ड पेंशन का भुगतान करने के लिए किया जाएगा। हालांकि, विकास कार्यों का हवाला देकर सरकार ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है।
राजनीतिक विवाद
इस बीच, तीन प्रमुख नेताओं—मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एक याचिका पर आज सुनवाई होने जा रही है, जिसमें कपिल सिब्बल अपना पक्ष रखेंगे। इस मामले की सुनवाई का राजनीतिक माहौल पर असर पड़ने की संभावना है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश की सरकार के कर्ज लेने के इस कदम से आम जनता के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। आर्थिक स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों के बीच, सरकार को अपने वित्तीय निर्णयों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। आगे क्या होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
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