नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में मध्य प्रदेश की महिलाओं की मेहनत की सराहना की, जिसने देशभर में उनके प्रयासों को चर्चा का विषय बना दिया। खोंप गांव की 10 महिलाओं ने मिलकर हरि बगिया नाम से एक स्व-सहायता समूह बनाया है, जिसने प्रशासन के सहयोग से आर्गेनिक फ्रूट फॉरेस्ट तैयार किया है।
स्व-सहायता समूह की सफलता
गांव के जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर स्थित इस समूह की अध्यक्ष कौशल्या रजक और सचिव पार्वती रजक हैं। इन महिलाओं ने चंदेलकालीन तालाब की मिट्टी को निकालकर पौधरोपण में उपयोग किया है। समूह ने दो हेक्टेयर में ड्रिप एरिगेशन की व्यवस्था की है, जिससे बंजर जमीन पर फल एवं सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इस फॉरेस्ट के लिए बंजर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया, जिससे महिलाओं, प्रशासन और ग्राम पंचायत के अधिकारियों के समन्वय की प्रशंसा हो रही है।

मछली पालन की पहल
पीएम मोदी ने डिंडोरी जिले के रयपुरा की शारदा स्वसहायता समूह की महिलाओं का भी जिक्र किया, जिन्होंने जलसंरक्षण और मछली पालन के जरिए आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। 2014 में उन्हें 10 एकड़ के जलाशय का पट्टा दिया गया, जहां महिलाओं ने 32 हजार से एक लाख फिंगरलिंग डलवाए। अब, ये महिलाएं मछली बेचकर एक दिन में 3-4 हजार रुपये की बिक्री कर रही हैं।

पीएम का संदेश
पीएम मोदी ने कहा, “गांव का बड़ा तालाब जब सूखने लगा, तो महिलाओं ने इसे पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने बड़ी मात्रा में गाद निकाली और उसका उपयोग बंजर जमीन पर फ्रूट फॉरेस्ट तैयार करने में किया। उनकी मेहनत से तालाब में पानी भर गया, जिससे फसलों की उपज भी बढ़ी है।”
रविवार को इस कार्यक्रम को सुनने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा भी उपस्थित रहे और समूहों के प्रयासों की प्रशंसा की।
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इस प्रकार, पीएम मोदी की तारीफ ने एमपी की महिलाओं को न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बना दिया है।