भिलाई: भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के कर्मचारियों ने दिवाली बोनस की मांग को लेकर मशाल रैली का आयोजन किया। इस रैली के माध्यम से कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई, जिसके बाद नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की बैठक में उनके नेता दबाव में हैं।
बोनस की मांग और कर्मचारियों का प्रदर्शन
बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने बोनस के बजाय अधिकारियों की तर्ज पर प्रॉफिट शेयरिंग (पीआरपी) की मांग की है। इस मांग के समर्थन में भिलाई में बड़ी मशाल रैली निकाली गई, जिसमें युवा कर्मचारियों ने शक्ति प्रदर्शन किया। इसके पूर्व, कर्मियों ने काला बैच पहनकर काम किया, जिससे उनकी एकता और संघर्ष का प्रतीक बना।
भिलाई स्टील प्लांट के लगभग 12,000 कर्मचारियों को बोनस (एक्सग्रेसिया) की राशि पर फैसला एक अक्टूबर को होने वाली बैठक में होने की उम्मीद है। यदि यूनियन नेता प्रबंधन के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते हैं, तो पिछले वर्ष की तरह प्रबंधन सीधे कर्मचारियों के खातों में बोनस की राशि डाल सकता है।

बीएसपी कर्मचारियों की स्थिति और प्रबंधन का दबाव
बीएसपी एटक महासचिव विनोद सोनी ने कहा कि सेल-बीएसपी कर्मचारियों को सम्मानजनक बोनस दिया जाना चाहिए, क्योंकि कर्मचारियों की संख्या में कमी के बावजूद उत्पादन बढ़ा है। उन्होंने प्रबंधन से पुराने फार्मूले के बजाय नए बोनस फार्मूले की मांग की है, जिसे लेकर यूनियन पहले भी अपनी आवाज उठा चुकी है।
भिलाई इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह ने बताया कि सेल प्रबंधन बोनस के फार्मूले को बदलने की मांग पर सहमत हुआ था। इस बैठक में प्रस्ताव क्या रखा जाता है, यह कर्मचारियों की भविष्य की स्थिति पर निर्भर करेगा।

आगे की राह
एचएमएस के महासचिव प्रमोद मिश्रा ने कहा कि सीधे खातों में राशि डालना गलत परंपरा है। उन्होंने न्यूनतम 43,526 रुपये बोनस दिए जाने की मांग की है। यदि प्रबंधन के प्रस्ताव को यूनियन नेता खारिज कर देते हैं, तो यह एक नई परंपरा की शुरुआत कर सकता है।
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कल की बैठक में बीएसपी कर्मियों के बोनस के मुद्दे पर स्पष्टता मिलने की उम्मीद है, जो उनके भविष्य की दिशा तय करेगी।