उमरिया: उमरिया जिले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एक और बाघ की मौत की खबर सामने आई है, जिसने वन्यजीव प्रेमियों और अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। इस क्षेत्र को मध्य प्रदेश का “टाइगर स्टेट” बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिला है, लेकिन हाल के समय में बाघों की मृत्यु की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
घटना का विवरण
गस्ती के दौरान, क्षेत्र मगधी कोर के बीट उत्तर मगधी के कक्ष क्रमांक 280 में एक बाघ की मृत अवस्था में होने की सूचना मिली। जानकारी मिलते ही, वन विभाग की चिकित्सक टीम और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लिया।
उमरिया:- शव विच्छेदन और जांच
बाघ के शव का विच्छेदन पशु चिकित्सा दल द्वारा किया गया, जिसमें क्षेत्र संचालक श्री गौरव चौधरी और उपसंचालक पीसी वर्मा भी मौजूद थे। शव विच्छेदन से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बाघ की मौत का कारण क्या था।

बढ़ती चिंताएँ
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में निरंतर गिरावट आ रही है, जो चिंता का विषय है। वन्यजीव संरक्षणकर्ताओं का मानना है कि यदि यह सिलसिला जारी रहा, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
जांच टीम की पहल
जांच टीम ने बाघों की मृत्यु के कारणों को स्पष्ट करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। वन्यजीव संरक्षण और बाघों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।


निष्कर्ष
उमरिया में बाघों की सुरक्षा और उनके संरक्षण को लेकर सजग रहना जरूरी है। वन विभाग को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक ठोस योजना बनानी चाहिए ताकि बाघों की बढ़ती संख्या को सुरक्षित रखा जा सके और उनकी मृत्यु की घटनाओं को रोका जा सके।
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