नई दिल्ली: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में इजरायल द्वारा हिज़्बुल्लाह के खिलाफ की गई रणनीतिक कार्रवाइयों की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि इजरायल का हिज़्बुल्लाह को पटरी से उतारने के लिए ‘पेजर बनाने वाली शेल कंपनी’ की स्थापना एक ‘मास्टरस्ट्रोक’ थी।
इजरायल ने हाल के दिनों में अपना ध्यान गाज़ा से हटाकर लेबनान की उत्तरी सीमा पर केंद्रित किया है, जहां उन्होंने हिज़्बुल्लाह के शीर्ष कमांडरों को निशाना बनाया और समूह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार गिराने की जानकारी भी दी गई है।
सेना रणनीति पर जोर
जनरल द्विवेदी ने चाणक्य डिफ़ेंस डायलॉग्स में कहा, “जंग उस दिन शुरू नहीं होती, जिस दिन आप लड़ना शुरू करते हैं। उस दिन शुरू होती है, जिस दिन आप योजना बनाना शुरू करते हैं।” उन्होंने इजरायल की सालों की तैयारी की मिसाल देते हुए उनकी रणनीति की प्रशंसा की।

इजरायल के इस अभियान में हिज़्बुल्लाह के सदस्यों के पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोटों की घटनाएँ शामिल हैं, जिसमें लगभग 40 लोग मारे गए और 3,000 से अधिक घायल हुए। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह पेजर बनाने वाली कंपनी इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद द्वारा बनाई गई थी, जिसे विशेषज्ञ ‘सप्लाई चेन अटैक’ के रूप में वर्णित करते हैं।

क्षेत्रीय स्थिति
हालांकि, हिज़्बुल्लाह के सरगना के मारे जाने के बाद गाज़ा में संघर्ष और भी बढ़ गया है। इस संघर्ष के दौरान आम नागरिकों पर बुरा असर पड़ रहा है, और लेबनान का हेल्थ-केयर ढांचा ध्वस्त हो गया है। जनरल द्विवेदी के बयान ने इजरायल की सैन्य रणनीतियों के प्रति उनकी सराहना को दर्शाया है, जबकि क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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इस प्रकार, इजरायल के इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न दृष्टिकोणों से देखा जा रहा है, जिससे क्षेत्र में स्थिरता की उम्मीदों पर असर पड़ सकता है।