Homeप्रदेशछतरपुर:- अवैध पटाखा फैक्ट्री में लगी आग, मजदूरों ने भागकर बचाई जान

छतरपुर:- अवैध पटाखा फैक्ट्री में लगी आग, मजदूरों ने भागकर बचाई जान

छतरपुर: हरपालपुर नगर के वार्ड 11 में बुधवार दोपहर 12 बजे एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से हड़कंप मच गया। घटना के समय फैक्टरी में तेज धमाके हुए, जिनसे पूरी इमारत में आग फैल गई। धमाकों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि फैक्टरी की टीन की छत उड़ गई और दीवारें गिर गईं।

घटना का समय

यह धमाका लगभग साढ़े 12 बजे हुआ, जिसके कारण स्थानीय लोग घबरा गए और जान बचाने के लिए भागने लगे। फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरों, कारीगरों और महिलाओं ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।

छतरपुर:- आग बुझाने की कोशिश

घटना की सूचना मिलने पर हरपालपुर थाना प्रभारी टीआई पुष्पक शर्मा पुलिस बल और फायर ब्रिगेड के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन मलबा हटाते समय आग दोबारा भड़क उठी। जेसीबी की मदद से मलबा हटाने के दौरान फिर से पांच फायर ब्रिगेड की टीम को बुलाकर आग पर काबू पाया गया। इस कार्रवाई में एसडीएम नौगांव विशा मघवानी, एसडीओपी चंलेश मरकाम और तहसीलदार संदीप तिवारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अवैध फैक्ट्री का इतिहास

जानकारी के अनुसार, वार्ड 11 में स्थित यह अवैध पटाखा फैक्ट्री पुरुषोत्तम भुर्जी उर्फ छोटे गुप्ता द्वारा चलाई जा रही थी। फैक्ट्री का लाइसेंस 2011 में समाप्त हो गया था, लेकिन इसके बावजूद इसका संचालन जारी था। उल्लेखनीय है कि 2016 में इसी फैक्ट्री में हुए हादसे में तीन लोगों की जान चली गई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा उस हादसे के बाद कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई थी।

विस्फोटक सामग्री का नाश

इस अवैध फैक्ट्री से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया, जिसे प्रशासन ने गड्ढा खोदकर और पानी भरकर नष्ट कर दिया। फैक्ट्री में बारूद और अन्य विस्फोटक सामग्री भी पाई गई, जिसे विधिवत तरीके से नष्ट किया गया। हादसे की जांच के लिए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) की टीम मौके पर पहुंची और फैक्ट्री का बारीकी से निरीक्षण कर नमूने लिए।

कार्रवाई की प्रक्रिया

इस हादसे के बाद अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है। नौगांव एसडीएम विशा मघवानी ने बताया कि मौके पर पांच दमकल और दो एंबुलेंस पहुंची थीं, लेकिन कोई मजदूर या फैक्ट्री कर्मचारी नहीं मिला।

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इस घटना ने एक बार फिर अवैध उद्योगों के प्रति प्रशासन की ढीली कार्यवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की ओर से अब कड़ी कार्रवाई की आशा की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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