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प्रयागराज: 100 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोरी के 10 दिन बाद मिली

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के नवाबगंज राम जानकी मंदिर से 100 साल पुरानी अष्टधातु की एक मूर्ति चोरी हो गई थी। पुलिस ने चोर की तलाश शुरू की, लेकिन चोर ने मूर्ति को हाइवे के पास रख दिया और साथ में एक माफीनामा भी छोड़ दिया।

प्रयागराज:- मूर्ति की चोरी और पुनर्प्राप्ति

23 सितंबर को मंदिर से मूर्ति चोरी हो गई थी, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। 10 दिन बाद, गऊघाट लिंक मार्ग पर एक मूर्ति देखी गई, जिसे पहचानने के बाद मंदिर के पुजारी जय रामदास महाराज को इसकी जानकारी दी गई। मूर्ति को गऊघाट खालसा आश्रम लाया गया।

चोर का पछतावा

आश्रम में लोगों ने देखा कि मूर्ति वाली बोरी में एक चिट्ठी भी रखी गई थी। चिट्ठी में चोर ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी और लिखा:

“महाराज जी, प्रणाम. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी। अज्ञानतावश मैंने राधा-कृष्ण की मूर्ति को चुरा लिया था। जब से चुराया, तब से बुरे सपने आ रहे हैं। मेरे बेटे की तबीयत भी खराब हो गई है। थोड़े पैसों के लिए मैंने बहुत गंदा काम किया है। मैंने मूर्ति को बेचने के लिए उसमें काफी छेड़छाड़ की है। मैं माफी मांगते हुए मूर्ति को रखकर जा रहा हूं। कृपया मुझे माफ करें और भगवान को फिर से मंदिर में स्थापित करवा दें।”

पुनर्स्थापना और पुलिस की कार्रवाई

मूर्ति को फिर से मंदिर में स्थापित किया गया है और पूजा-पाठ शुरू हो गई है। नवाबगंज थाने की पुलिस आसपास के CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और चोर की तलाश जारी है।

पुजारी का सदमा

चोरी के बाद मंदिर के पुजारी जय रामदास महाराज को ऐसा सदमा लगा कि उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था। अब मूर्ति वापस आने से पुजारी ने राहत की सांस ली है।

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यह मामला एक बार फिर से साबित करता है कि आध्यात्मिकता और आस्था का महत्व न केवल भक्तों के लिए, बल्कि चोरों के लिए भी महसूस होता है।

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