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सीधी: बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के मेडिकल संचालक बांट रहे नशीली दवाएं, युवा पीढ़ी बर्बाद

सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में नशीली दवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है। शराब और गांजे के मुकाबले मेडिकल नशे का प्रचलन अब अधिक चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। जिला प्रशासन नशीली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है, जिससे युवा पीढ़ी नशे की चंगुल में फंसती जा रही है।

परिवारों पर बुरा असर

नशे की लत से कई परिवार बर्बाद हो रहे हैं, खासकर युवा पीढ़ी पर इसका गहरा असर देखा जा रहा है। निरंतर बढ़ते नशे के प्रचलन से युवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ रही है, जिससे अपराध में भी वृद्धि हो रही है। पुलिस द्वारा नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा।

डॉक्टर की पर्ची की अनदेखी

हालांकि, सरकार ने नशीली दवाओं की बिक्री पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं, लेकिन मेडिकल संचालक बिना प्रिस्क्रिप्शन के आसानी से इन्हें बांट रहे हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर है कि नशीली दवाओं की बिक्री का रिकॉर्ड रखने की अनिवार्यता भी नहीं पूरी हो रही है। दवाओं के खरीददारों का रिकार्ड नहीं रखने के चलते अवैध कारोबार फलफूल रहा है।

सीधी युवाओं की बढ़ती संख्या नशे के चंगुल में

सीधी शहर में नशे की लत विशेषकर 12 से 20 साल की उम्र के युवाओं में तेजी से फैल रही है। इस वर्ग के युवा औषधियों का नशा कर रहे हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति खराब हो रही है। कई युवाओं को इलाज के लिए मनो चिकित्सालयों में भेजा जा रहा है। इसके अलावा, नशे के बढ़ते प्रचलन से चोरी, लूटपाट और मारपीट की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।

कॉलेज के छात्र भी शामिल

स्कूल और कॉलेज के छात्र भी नशे के शिकार हो रहे हैं। शुरुआत में उन्हें शौक के लिए स्मैक या अन्य नशीली दवाओं का सेवन कराया जाता है, जो बाद में उनकी आदत बन जाती है।

नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाएं

युवाओं द्वारा विभिन्न प्रकार की नशीली दवाओं का सेवन किया जा रहा है, जिनमें फोर्डविन, एविल, नार्फिन, नाइटरसिट, वेलियम, और अन्य सीरप शामिल हैं। इन दवाओं का सेवन करने से युवाओं को तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है, लेकिन यह उनकी सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक साबित हो रहा है।

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समाज की भूमिका

इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सिर्फ प्रशासन ही नहीं, बल्कि समाज को भी सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। सभी को मिलकर इस मुद्दे की ओर ध्यान देना होगा ताकि युवा पीढ़ी को नशे के खतरों से बचाया जा सके।

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