देवसर:- भोपाल में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में आज सिंगरौली जिले के देवसर में अतिथि शिक्षकों ने एकजुट होकर स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राजधानी भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों पर हुई पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की गई। इस घटना ने राज्यभर में आक्रोश फैला दिया है, और शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।
भोपाल में क्या हुआ था?
2 अक्टूबर को, जब पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मना रहा था, भोपाल में अतिथि शिक्षक अपनी नियमितीकरण की मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। करीब 3,000 अतिथि शिक्षक, जो कई वर्षों से स्कूलों में सेवा दे रहे हैं, अपनी सेवाओं को स्थायी करने की मांग को लेकर राजधानी पहुंचे थे। उनका आरोप था कि सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिसके चलते उन्हें बार-बार संघर्ष करना पड़ रहा है।
शिक्षकों का यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और वे गांधीजी के सिद्धांतों का पालन करते हुए अपनी मांगें रख रहे थे। लेकिन प्रदर्शन के दौरान, पुलिस ने अचानक रात में लाठीचार्ज कर दिया। यह कार्रवाई बिना किसी चेतावनी या पूर्व सूचना के की गई, जिससे कई शिक्षक घायल हो गए। दर्जनों शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। घटना के बाद शिक्षकों और विभिन्न सामाजिक संगठनों में भारी रोष फैल गया।
देवसर में सौंपा गया ज्ञापन
भोपाल की इस घटना के विरोध में सिंगरौली जिले के देवसर में आज अतिथि शिक्षक और सामाजिक संगठन एकत्र हुए। उन्होंने स्थानीय एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए इस घटना की कड़ी निंदा की और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस प्रदर्शन में जिले के कई शिक्षकों ने भाग लिया, जो भोपाल की घटना से गहरे आहत थे।


प्रमुख अतिथि शिक्षक मौजूद
देवसर में आज के ज्ञापन और विरोध प्रदर्शन में कई प्रमुख अतिथि शिक्षक शामिल हुए। इनमें से कुछ प्रमुख नाम संजय कुमार द्विवेदी, रामप्रवेश जायसवाल, राजेश कुमार शुक्ला, अखिलेश तिवारी, प्रभात कुमार शुक्ला, सचेंद्र द्विवेदी, प्रिंस मिश्रा, और अब्दुल कादिर हैं। इन सभी ने एकमत होकर राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की और शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
ब्लॉक समिति के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने कहा, “यह लाठीचार्ज न केवल हमारे अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सवाल उठाता है कि क्या सरकार हमारी मांगों को गंभीरता से ले रही है। अगर सरकार हमें सुनने को तैयार नहीं है, तो हमें अपने आंदोलन को और भी व्यापक स्तर पर ले जाने की जरूरत होगी।”
अतिथि शिक्षकों की नियमितीकरण की मांग
अतिथि शिक्षक लंबे समय से अपने नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। उनकी शिकायत है कि उन्हें नियमित शिक्षकों की तरह वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, जबकि वे सालों से स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। अतिथि शिक्षकों का यह भी कहना है कि सरकार उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है, और उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है।

अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने कहा, “हमारी मांगें जायज हैं, और हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक हमारी सेवाओं को नियमित नहीं किया जाता। भोपाल में जो हुआ, वह सरकार की गलत नीतियों का परिणाम है। अब हम इस आंदोलन को और भी बड़े स्तर पर ले जाएंगे। हमारा अगला कदम दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना होगा, जहां हम प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे।”
ज्ञापन की मुख्य मांगें
देवसर में सौंपे गए ज्ञापन में अतिथि शिक्षकों ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण जल्द से जल्द किया जाए और उनकी लंबित मांगों को पूरा किया जाए।
ये भी पढ़ें:- सीधी: बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के मेडिकल संचालक बांट रहे नशीली दवाएं, युवा पीढ़ी बर्बाद
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि अगर सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो अतिथि शिक्षक राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे, जिसका असर शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ेगा। अतिथि शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।