मुंबई में एक चौंकाने वाली घटना में, राष्ट्रीयist कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। लीलावती अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें सीने में तीन गोलियां लगी थीं। रात करीब 9:30 बजे उन्हें अस्पताल लाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। मुंबई पुलिस ने हत्या के मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और वारदात में इस्तेमाल की गई 9.9 एमएम पिस्तौल भी बरामद कर ली है।
मुंबई:- घटना का विवरण
यह वारदात शनिवार रात खेतवाड़ी जंक्शन इलाके में हुई, जब अंधेरा छा गया था। स्ट्रीट लाइट्स बंद थीं और आसपास कोई CCTV कैमरा नहीं था। पुलिस की प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हमलावरों ने दो पिस्तौल से कुल छह राउंड फायरिंग की, जिसमें से तीन गोलियां बाबा सिद्दीकी के सीने में लगीं। एक गोली उनकी कार में मौजूद एक साथी के पैर में भी लगी। हालाँकि उनकी कार बुलेट प्रूफ थी, गोली शीशे को चीरते हुए अंदर घुस गई।
हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बाबा सिद्दीकी को बेहद करीब से गोली मारी गई थी। हमलावरों ने अपना चेहरा रूमाल से ढक रखा था। गोली मारने के बाद वे भागने लगे, लेकिन nearby मौजूद भीड़ ने उनमें से दो को पकड़ लिया और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने घटनास्थल से एक पिस्तौल और कारतूस के खोखे भी बरामद किए हैं। पिस्तौल 9.9 MM की डिटैचेबल मैगजीन वाली बताई जा रही है, जिसमें 13 राउंड होते हैं। यह पिस्तौल काफी एडवांस मानी जा रही है।

विजयदशमी का फायदा
पुलिस की जांच में यह पता चला है कि यह घटना तब हुई जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान के दफ्तर से निकल रहे थे। उस दिन विजयदशमी का त्योहार था, और इलाके में देवी की शोभायात्राएं चल रही थीं, जिससे माहौल काफी हलचल भरा था। हमलावरों ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए बाबा सिद्दीकी पर गोलियां चलाईं। घटना के बाद, उनके समर्थक लीलावती अस्पताल के बाहर जुट गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे।

सुरक्षा की कमी
पुलिस ने बताया कि बाबा सिद्दीकी को एक पखवाड़े पहले जान से मारने की धमकी मिली थी। इस धमकी के बाद, उन्हें Y श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल उनकी सुरक्षा के लिए तैनात था। इसके बावजूद, यह घटना सुरक्षा की एक बड़ी चूक को दर्शाती है।
निष्कर्ष
बाबा सिद्दीकी की हत्या ने मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने घटना के बाद खेतवाड़ी जंक्शन इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है और उस जगह को बैरिकेडिंग कर दिया है, जहां बाबा सिद्दीकी पर फायरिंग की गई थी। मामले की जांच के लिए कई पुलिस टीमें गठित की गई हैं।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ती हिंसा ने सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत को और अधिक बढ़ा दिया है। बाबा सिद्दीकी की हत्या ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या हमारे राजनीतिक नेता सुरक्षित हैं?
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इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को और अधिक प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और जनता का विश्वास कानून व्यवस्था पर बना रहे।