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बालाघाट में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सीआरपीएफ जवानों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त: 1 जवान की मौत, 4 घायल

बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सलियों के खात्मे के लिए चल रहे एक सर्चिंग अभियान के दौरान रविवार सुबह सीआरपीएफ जवानों का वाहन एक गंभीर सड़क हादसे का शिकार हो गया। यह घटना बिरसा थाना क्षेत्र के हर्रानाला के पास हुई, जहां जवान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सर्चिंग के लिए निकले थे।

हादसे के दौरान, सीआरपीएफ की 7 पीएनटी कंपनी के जवान एक बुलेरो वाहन में सवार थे। रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा सुबह लगभग 6 बजे हुआ, जब वाहन अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकरा गया। इस हादसे में 22 वर्षीय जवान टिकेश्वर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में एएसआई यदुनंदन पासवान (57), इंस्पेक्टर उमेश (30), एएसआई बिरजू (44), और राकेश (30) शामिल हैं।

बालाघाट

घायलों को तत्काल इलाज के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया है। अस्पताल में उनके इलाज की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दुर्घटना के बाद मृतक जवान का शव बिरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रखा गया है, जहां से आगे की प्रक्रिया के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

सीआरपीएफ जवानों का यह दल नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा था, और यह घटना उस समय हुई जब वे संचार के लिए क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। वाहन में कुल पांच जवान थे, और यह सर्चिंग अभियान नक्सल प्रभावित मछुरदा पुलिस चौकी से संबंधित था। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने घटना की जानकारी मिलते ही राहत कार्य शुरू कर दिया और गंभीर रूप से घायल जवानों की त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की।

इस दुर्घटना ने नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात जवानों की सुरक्षा को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल के वर्षों में नक्सलवाद के खिलाफ कार्रवाई में जुटे जवानों के लिए ये अभियान अत्यंत जोखिम भरे होते हैं। ऐसे में सड़क हादसे भी जवानों के लिए एक गंभीर खतरा बन रहे हैं।

स्थानीय समुदाय के लोगों ने घटना पर शोक व्यक्त किया है और मृतक जवान के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए स्थानीय लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एकत्रित हो रहे हैं। घटना के बाद, सुरक्षा बलों ने अपने अभियान को जारी रखने का निर्णय लिया है, लेकिन इस हादसे ने उन सभी जवानों को एक बार फिर याद दिलाया है कि उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।

बालाघाट जिले में नक्सलवाद के खिलाफ जारी सर्चिंग अभियानों की पृष्ठभूमि में, यह घटना यह दर्शाती है कि नक्सल विरोधी कार्रवाई के दौरान जवानों को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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इस हादसे के बाद, एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई केवल हथियारों की नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित और सुरक्षित रणनीति की भी आवश्यकता है, जिसमें जवानों की सुरक्षा प्राथमिकता हो।

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