मध्य प्रदेश में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, खासकर इंदौर में जहां हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं। हाल ही में एक रिटायर्ड जज के साथ हुई ऑनलाइन धोखाधड़ी ने इस समस्या को एक बार फिर उजागर किया है।
घटना का विवरण
रिटायर्ड जज ने एक ऑनलाइन कंपनी, स्विगी, से सामान का ऑर्डर दिया था। जब उन्हें लगा कि सामान पर्याप्त नहीं है, तो उन्होंने ऑर्डर कैंसिल करने का निर्णय लिया। कैंसिलेशन के लिए उन्होंने एक ऑनलाइन नंबर पर कॉल किया, जहां उन्हें एक लिंक भेजा गया। जैसे ही उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, उनका फोन हैंग हो गया। जब फोन सामान्य हुआ, तो उन्हें एक मैसेज प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि उनके बैंक खाते से एक लाख रुपए कट गए हैं।

ठगी का तरीका
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार, रिटायर्ड जज को उस नंबर पर कॉल करने के बाद एक लिंक दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि वे अपने ऑर्डर कैंसिल कर सकते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही स्क्रीन शेयरिंग मोड ऑन हो गया, जिससे ठग ने जज के फोन पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया। इसके बाद, उनके फोन पर ओटीपी आने लगे, जो ठग के लिए स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे। इससे पहले कि जज कुछ समझ पाते, उनके खाते से एक लाख रुपए काट लिए गए।

पुलिस कार्रवाई
इस मामले के बाद रिटायर्ड जज ने साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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निष्कर्ष
यह घटना दिखाती है कि साइबर धोखाधड़ी का खतरा कितनी तेजी से बढ़ रहा है, और इसने समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। लोगों को सावधान रहना चाहिए और किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए। पुलिस और प्रशासन को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।