सीधी : मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें एंबुलेंस सेवा में लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला को हाथ रिक्शे पर प्रसव करना पड़ा और नवजात की मौत हो गई। इस घटना में जिम्मेदार एंबुलेंस कंपनी पर शासन ने पौने पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
क्या था पूरा मामला?
1 नवंबर की रात, कृष्ण कुमार की पत्नी उर्मिला रजक को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, और उन्होंने सीधी जिले में 108 एंबुलेंस सेवा के कॉल सेंटर पर कई बार संपर्क किया। हालांकि, गंभीर स्थिति के बावजूद, महिला को सीधी में संचालित जननी एंबुलेंस की जगह कुसमी लोकेशन की एंबुलेंस भेजी गई, जो पहले से एक अन्य आपातकालीन मामले में व्यस्त थी।
अत्यधिक देरी के कारण, कृष्ण कुमार ने अपनी पत्नी को हाथ रिक्शे पर अस्पताल लेकर जाना शुरू किया। रास्ते में महिला ने प्रसव किया और अस्पताल पहुंचने से पहले नवजात की मौत हो गई। इस घटना ने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सिस्टम में लापरवाही पर सवाल खड़ा कर दिया है।
शासन की कार्रवाई
इस मामले के बाद, उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने सीधी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही को गंभीरता से लिया और एंबुलेंस कंपनी पर कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता त्वरित और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, संबंधित एंबुलेंस कंपनी की एक माह की परिचालन राशि 4,56,917 रुपये काटने के आदेश जारी किए गए हैं।
सीधी:- आगे की जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई
वहीं, मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल सर्जन और अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
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निष्कर्ष
यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि किसी भी स्थिति में मरीजों को समय पर सहायता पहुंचाना कितना महत्वपूर्ण है। सीधी जिले में इस दुखद घटना ने प्रशासन के सामने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की एक और गंभीर चुनौती पेश की है।