Homeप्रदेशसीधी सांसद डॉ राजेश मिश्रा के अध्यक्षता में शुरु हुआ राष्ट्रीय बाणभट्ट...

सीधी सांसद डॉ राजेश मिश्रा के अध्यक्षता में शुरु हुआ राष्ट्रीय बाणभट्ट महोत्सव, दिखा अनोखा दृश्य

सीधी जिले के परसिली रिसोर्ट में हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय बाणभट्ट महोत्सव ने कला, संस्कृति और साहित्य प्रेमियों को एक मंच पर एकत्र किया। उत्थान सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समिति द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय महोत्सव का उद्देश्य देश की विविध सांस्कृतिक विरासत को सहेजना और ग्रामीण कला को बढ़ावा देना था। सीधी के सांसद डॉ. राजेश मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित इस महोत्सव में बड़ी संख्या में दर्शक, कलाकार और क्षेत्रीय प्रतिनिधि शामिल हुए। डॉ. मिश्रा ने कलाकारों और ग्रामीणों का उत्साहवर्धन करते हुए इस प्रकार के आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर और विस्तार देने पर जोर दिया।

महोत्सव का महत्व और उद्देश्य

बाणभट्ट महोत्सव का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में सांस्कृतिक जागरूकता फैलाना और कलाकारों को एक मंच प्रदान करना था, जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें। यह महोत्सव विशेष रूप से देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों को एकत्र करने का प्रयास करता है, ताकि स्थानीय लोककलाओं के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों की पारंपरिक कला भी सामने आ सके। इससे स्थानीय लोग न केवल अपनी संस्कृति को पुनर्जीवित कर सकते हैं बल्कि अन्य क्षेत्रों की सांस्कृतिक धरोहर से भी रूबरू होते हैं।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आकर्षण

इस महोत्सव में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने लोकगीतों, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। देशभर से आए कलाकारों ने अपनी लोक परंपराओं का अनूठा परिचय दिया, जो न केवल दर्शकों के लिए मनोरंजन का साधन बना बल्कि उन्हें विभिन्न संस्कृतियों की झलक भी दिखलाने में सफल रहा। लोकगीतों की मधुर ध्वनि और नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियों ने इस महोत्सव को एक जीवंत रंग दे दिया। हर प्रस्तुति ने वहां उपस्थित ग्रामीणों और दर्शकों के बीच विशेष उत्साह का संचार किया, जिससे पूरा माहौल जीवंत हो उठा।

प्रमुख अतिथि और विशिष्ट जनों की उपस्थिति

महोत्सव में कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू सिंह, भाजपा नेता श्री विमलेश मिश्र, और जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुमन कोल शामिल रहे। इन सभी ने महोत्सव की सराहना की और इसके आयोजन को ग्रामीण और शहरी कलाकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने अपनी उपस्थिति से इस आयोजन को गौरवान्वित किया और इस प्रकार के आयोजनों से समाज में एकता और समरसता का संदेश फैलाने की बात कही। सभी ने मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों की कला और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की अपील की, ताकि समाज में इसके प्रति जागरूकता बढ़ सके।

स्थानीय लोकगीतों और पारंपरिक नृत्यों का संगम

इस आयोजन में स्थानीय कलाकारों ने सीधी और आसपास के क्षेत्रों के पारंपरिक गीतों और नृत्यों की विशेष प्रस्तुति दी। इनमें से कई प्रस्तुतियों ने वहां मौजूद लोगों को भावुक कर दिया। लोकगीतों के बोलों में छिपे संदेश और संगीत की मधुरता ने दर्शकों को अपनी ओर खींच लिया। पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुति भी बहुत खास रही, जिसमें कलाकारों ने अपने नृत्य के माध्यम से ग्रामीण जीवन की झलक को जीवंत कर दिया। यह आयोजन उन लोगों के लिए खास रहा जो अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं और अपनी संस्कृति को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहते हैं।

महोत्सव का लाइव प्रसारण और डिजिटल माध्यम

इस महोत्सव का खास पहलू इसका लाइव प्रसारण था, जिसे WPT NEWS 24 चैनल ने अपने यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किया। इस प्रसारण के माध्यम से न केवल सीधी बल्कि देश के किसी भी कोने में बैठे लोग इस महोत्सव का आनंद उठा सके। डिजिटल युग में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे लोग अपने घरों में रहते हुए भी इस प्रकार के आयोजनों का हिस्सा बन सकते हैं। WPT NEWS 24 चैनल के यूट्यूब पेज पर इस महोत्सव को लाइव देखा गया और यह प्रसारण तीन दिन चलेगा। इससे उन लोगों को भी महोत्सव से जोड़ने का मौका मिला जो व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके थे। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी इस महोत्सव की तस्वीरें और वीडियो साझा किए गए, जिससे आयोजन की व्यापक पहुंच बनी।

सांसद डॉ. राजेश मिश्रा का संदेश

समारोह के दौरान सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने कलाकारों और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के महोत्सव हमारे सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित करने में सहायक होते हैं। उन्होंने कलाकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि देश की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह महोत्सव आने वाले वर्षों में और भी बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण कलाकारों को नई पहचान मिलेगी और देशभर के लोग इस आयोजन से लाभान्वित होंगे।

समापन और भविष्य की योजनाएं

बाणभट्ट महोत्सव का यह आयोजन एक सराहनीय प्रयास था, जिसमें संस्कृति, कला और साहित्य का अद्भुत मेल देखा गया। यह महोत्सव न केवल मनोरंजन का माध्यम था बल्कि समाज को सांस्कृतिक एकता और समरसता का संदेश देने का भी एक प्रयास था। ऐसे आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम बनते हैं। आयोजकों ने भविष्य में भी इसी प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करने का संकल्प लिया, जिससे ग्रामीण कला और संस्कृति को एक नई दिशा मिलेगी और इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकेगी।

यह भी पढ़ें:- लाड़ली बहना योजना: आ गई तारीख, जानिए किस दिन लाड़ली बहनों के खाते में आएंगे 1250 रूपए

निष्कर्ष बाणभट्ट महोत्सव के माध्यम से सीधी के परसिली रिसोर्ट में न केवल सांस्कृतिक विविधता की झलक देखने को मिली बल्कि यह भी स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कला और साहित्य के प्रति गहरी रुचि है। इस प्रकार के आयोजन से न केवल कला प्रेमियों को मंच मिलता है बल्कि उन्हें एक नई ऊर्जा भी मिलती है। ऐसे आयोजनों से समाज में एकता और सांस्कृतिक प्रेम को बढ़ावा मिलता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular