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Jhansi Hospital Fire:- झांसी मेडिकल कॉलेज में आग से 10 नवजात बच्चों की मौत, 37 को निकाला गया CM ने दिए जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग में 10 नवजात बच्चों की मौत, 17 घायल, मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए

झांसी, 16 नवंबर 2024: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (Jhansi Medical College) में गुरुवार रात एक भयावह आग लग गई, जिसमें 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। अस्पताल के शिशु वार्ड (Neonatal Intensive Care Unit) में हुई इस घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया, और मरीजों और उनके परिजन घबराकर बाहर की ओर दौड़ने लगे। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए जांच जारी है।

घटना की जानकारी:

वहां मौजूद अधिकारियों के अनुसार, आग रात करीब 10:45 बजे शिशु वार्ड में लगी, जिसके बाद अस्पताल में मची भगदड़ में कई लोगों की जान को खतरा हुआ। जिला प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और अस्पताल से कुल 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। इनमें से कुछ बच्चों को तुरंत अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया, जबकि बाकी का इलाज अस्पताल में जारी है।

झांसी जिले के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा, “फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक 10 नवजात बच्चों की जान जा चुकी थी।” घटना के बाद, झांसी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने अस्पताल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने झांसी के डिविजनल कमिश्नर और DIG को 12 घंटे के भीतर मामले पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

“यह हादसा मन को व्यथित करने वाला है। राज्य सरकार ने स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव कार्य में पूरी तत्परता से जुटने का आदेश दिया है। हम इस दुखद घटना में प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं,” योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा।

जांच के तीन स्तर:

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना के बाद कहा कि इस मामले की जांच तीन स्तरों पर की जाएगी। पहली, स्वास्थ्य विभाग द्वारा; दूसरी, पुलिस प्रशासन और जिले के अधिकारियों द्वारा, जिसमें फायर ब्रिगेड की टीम भी शामिल होगी; और तीसरी, मैजिस्ट्रेट के स्तर पर। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Jhansi Hospital Fire राष्ट्रीय शोक:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। पीएमओ की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, “यह हादसा बेहद दुखद और हृदयविदारक है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बचाव कार्य में तत्परता दिखाते हुए राहत अभियान चलाया है।”

इंडिया टुडे के मुताबिक, जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां कुल 54 नवजात बच्चे भर्ती थे। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, आग के कारण घायल हुए 17 बच्चों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आग के कारण और सुरक्षा उपाय:

यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि इस घटना के बाद यह सवाल उठ रहा है कि शॉर्ट सर्किट के बावजूद अस्पताल में सुरक्षा उपायों की कमी क्यों रही। बताया जा रहा है कि अस्पताल का फायर सेफ्टी ऑडिट फरवरी में हुआ था, और जून में मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई थी, लेकिन फिर भी इस घटना को रोकने में कोई असरदार कदम नहीं उठाए जा सके।

अगले कुछ दिनों में इस हादसे की पूरी जांच की जाएगी और अधिकारियों द्वारा जिम्मेदारी तय की जाएगी।

परिवारों के प्रति संवेदनाएँ:

झांसी मेडिकल कॉलेज में इस घटना के बाद, मृत बच्चों के परिवारों से संपर्क किया जा रहा है। फिलहाल, 10 मृतकों में से 7 की पहचान हो चुकी है, और शेष तीन की पहचान करने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन ने मृतक बच्चों के परिजनों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

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निष्कर्ष:

यह हादसा न केवल झांसी, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ा झटका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार इस दुखद घटना के पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और घटना की सख्त जांच करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।

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