रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2021 राज्य सेवा भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों को सोमवार को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने घोटाले की गहन जांच के लिए उनकी रिमांड की मांग की।
क्या है मामला?
CBI की जांच में सामने आया कि श्रवण कुमार गोयल ने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त कराने के लिए 45 लाख रुपये की रिश्वत दी। यह रिश्वत राशि दो किस्तों में दी गई थी—पहली किस्त 20 लाख रुपये और दूसरी 25 लाख रुपये।

रिश्वत देने के लिए गोयल ने एक ग्रामीण विकास समिति का सहारा लिया। रिश्वत के इस लेन-देन में कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का नाम भी सामने आया है, क्योंकि भूमिका कटियार उनकी बेटी हैं।
कोर्ट में पेशी और सुरक्षा व्यवस्था
दोनों आरोपियों को रायपुर की विशेष अदालत के जज लीलाधर यादव के समक्ष पेश किया गया। पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सीबीआई ने कोर्ट से उनकी रिमांड मांगते हुए तर्क दिया कि मामले से जुड़े अन्य लोगों और दस्तावेजों की जांच के लिए आरोपियों से पूछताछ आवश्यक है। अदालत से जल्द इस पर फैसला सुनाए जाने की संभावना है।

आरोपियों का परिचय
- टामन सिंह सोनवानी: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष, जिन पर भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोप हैं।
- श्रवण कुमार गोयल: उद्योगपति और ‘बजरंग पावर एवं इस्पात लिमिटेड’ के निदेशक। उन्होंने अपने बेटे और बहू को सरकारी पद दिलाने के लिए रिश्वत दी थी।
CBI की कार्रवाई और आगे की जांच
CBI ने छत्तीसगढ़ राज्य सेवा भर्ती परीक्षा में व्यापक भ्रष्टाचार की आशंका जताई है। जांच एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हैं।

प्रभाव और सवाल
इस मामले ने छत्तीसगढ़ में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और आयोग की साख दांव पर है। राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में इस घटना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
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आगे की कार्रवाई: कोर्ट का फैसला आने के बाद CBI की जांच और गिरफ्तारी का दायरा बढ़ सकता है।