सीधी, मध्यप्रदेश: जिले के देउरदह घाट पर रविवार को एक दुखद घटना घटी, जब पिकनिक मनाने गए नेहरू अस्पताल के डॉक्टरों में से एक की डूबने से मौत हो गई और एक बच्ची लापता हो गई। इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, नेहरू अस्पताल के तीन डॉक्टर—डॉ. प्रवीण मुंडा, डॉ. हरीश सिंह, और डॉ. डीजे बोरा—अपने परिवारों के साथ छुट्टी मनाने गोपद नदी के देउरदह घाट पर गए थे। पिकनिक के दौरान डॉ. मुंडा की 13 वर्षीय बेटी प्रेरणा मुंडा ट्यूब के सहारे नदी में नहा रही थी, लेकिन गहरे पानी में जाने के कारण वह डूबने लगी।
बच्ची को बचाने के लिए तीनों डॉक्टरों ने तुरंत नदी में छलांग लगा दी। हालांकि, वे बच्ची को बचाने में असफल रहे और खुद डूबने लगे। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने समय रहते डॉ. प्रवीण मुंडा और डॉ. डीजे बोरा को बचा लिया, लेकिन दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. हरीश सिंह को नहीं बचाया जा सका।

बच्ची की तलाश जारी
घटना के बाद ग्रामीणों ने बच्ची प्रेरणा की तलाश शुरू की, लेकिन उसे ढूंढा नहीं जा सका। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम मौके पर पहुंची और देर शाम तक सर्च ऑपरेशन जारी रहा। हालांकि, बच्ची का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। आशंका है कि वह बहकर दूर चली गई है।
डॉ. हरीश सिंह की मौत से शोक
डॉ. हरीश सिंह की मौत ने चिकित्सा समुदाय और उनके परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है। वे नेहरू अस्पताल के जाने-माने दंत रोग विशेषज्ञ थे। उनके सहकर्मियों और मरीजों ने उनकी असामयिक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

स्थानीय प्रशासन का बयान
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में नदी के गहरे हिस्सों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। वहीं, एसडीआरएफ की टीम बच्ची की खोजबीन में जुटी हुई है।
ग्रामीणों की अपील
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से देउरदह घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। उनका कहना है कि नदी के इस हिस्से में पहले भी हादसे हो चुके हैं।

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निष्कर्ष
गोपद नदी पर हुई यह घटना एक बड़ी त्रासदी है, जो न केवल एक डॉक्टर की असमय मौत का कारण बनी, बल्कि एक मासूम बच्ची भी लापता है। स्थानीय प्रशासन से उम्मीद है कि वह इस हादसे से सबक लेते हुए सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देगा।