मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मंगलवारा थाना क्षेत्र में एक 2 वर्षीय मासूम का अपहरण कर लिया गया था। बच्चे की मां की शिकायत पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए महज 12 घंटे में बच्चे को सुरक्षित बरामद कर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना राजधानी में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चेतावनी के रूप में सामने आई है।
घटना का विवरण
मंगलवारा थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने 23 नवंबर की रात पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसका 2 वर्षीय बच्चा 22 नवंबर की दोपहर से लापता है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शहर भर में लगे 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की।

जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि बच्चे का अपहरण करने वाली महिला शाहिदा बी नाम की एक भिखारी है, जो श्यामला हिल्स इलाके में रहती है। शाहिदा ने अपहरण से पहले बच्चे और उसके परिवार पर कई दिनों तक नजर रखी थी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद, पुलिस ने तुरंत एक टीम गठित की और शहर भर में बच्चे की तलाश शुरू की। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस आरोपी तक पहुंची और उसे जहांगीराबाद इलाके में गिरफ्तार कर लिया। शाहिदा ने बच्चे को अपने कब्जे में छिपा रखा था।

पुलिस ने बच्चे को बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया। इस कार्रवाई में पुलिस ने केवल 12 घंटे का समय लिया, जो उनकी कुशलता और तत्परता को दर्शाता है।
मानव तस्करी का शक
पुलिस इस मामले में मानव तस्करी के एंगल से भी जांच कर रही है। अधिकारियों को शक है कि शाहिदा बी किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हो सकती है, जो मासूम बच्चों के अपहरण की वारदातों को अंजाम देता है। पुलिस ने शाहिदा का आपराधिक रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है और शहर में अन्य संभावित संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।

मामले की गंभीरता
यह घटना भोपाल जैसे बड़े शहर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाने वाली है। बच्चों के अपहरण के बढ़ते मामलों ने पुलिस और प्रशासन को सतर्क किया है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर खास ध्यान दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
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निष्कर्ष
भोपाल पुलिस की तेज कार्रवाई से एक मासूम की जिंदगी बच गई, लेकिन यह घटना इस ओर इशारा करती है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है। मानव तस्करी और अपहरण जैसे मामलों को रोकने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे।