Homeप्रदेशसीधी:- नगर परिषद मझौली में भाजपा नेताओं के बीच खींचातानी, विवाद बढ़ा

सीधी:- नगर परिषद मझौली में भाजपा नेताओं के बीच खींचातानी, विवाद बढ़ा

सीधी जिले के मझौली नगर परिषद में हाल के दिनों में भाजपा नेताओं के बीच आपसी खींचातानी और विवाद सुर्खियों में है। 25 नवंबर को हुई नगर परिषद की बैठक के दौरान इस विवाद ने तूल पकड़ लिया। बैठक में सीएमओ की अध्यक्षता में पार्षदों की उपस्थिति में सर्वसम्मति से वार्डों के लिए बजट पारित किया गया। लेकिन बैठक के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए, और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए।

सीधी:- सच्चाई की जांच की मांग

बैठक के बाद हुए विवाद में दोनों पक्ष अपनी-अपनी सफाई दे रहे हैं। भाजपा जिला मंत्री लक्केश सिंह गहरवार के नेतृत्व में पार्टी के कई नेता और पार्षद 28 नवंबर को पुलिस अधीक्षक डॉ. रविन्द्र वर्मा से मिले और ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पार्षद हितेष गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए गए। आरोप है कि हितेष गुप्ता और उनके सहयोगियों ने पहले भी मारपीट की शिकायतें दर्ज कराई हैं।

ज्ञापन में लगाए गए आरोप

25 नवंबर की बैठक के दौरान पार्षद सुजीत सिंह ने पार्षद पार्वती भूरे से समग्र आईडी सुधारने के नाम पर बाहर आकर गाली-गलौच की। इसके अलावा, हितेष गुप्ता और उनके सहयोगियों पर झूठी शिकायतें करने का भी आरोप लगाया गया। भाजपा नेताओं का कहना है कि ये शिकायतें व्यक्तिगत दुश्मनी और जातिगत राजनीति के चलते की जा रही हैं।

नगर परिषद अध्यक्ष पर भी सवाल
इस विवाद में नगर परिषद अध्यक्ष शंकर प्रसाद गुप्ता का नाम भी सामने आया है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि अध्यक्ष और उनके सहयोगियों के खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं। इन मामलों में जातिगत राजनीति और विरोध के नाम पर हथकंडे अपनाने के आरोप शामिल हैं।

पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग
ज्ञापन सौंपने के दौरान नगर परिषद क्षेत्र के पार्षदों और स्थानीय नागरिकों की भारी भीड़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची। भाजपा नेताओं ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि शंकर प्रसाद गुप्ता और पार्षद हितेष गुप्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

सत्ताधारी दल में आंतरिक संघर्ष
मझौली नगर परिषद में चल रहा यह विवाद भाजपा के आंतरिक संघर्ष को उजागर करता है। स्थानीय नेतृत्व के बीच बढ़ती खींचातानी ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को हस्तक्षेप कर समाधान निकालने की जरूरत है।

जनता में असमंजस
इस पूरे मामले से नगर परिषद क्षेत्र की जनता असमंजस में है। एक तरफ जहां विकास कार्यों पर ध्यान देने की जरूरत है, वहीं दूसरी तरफ नेताओं के बीच बढ़ते विवादों से जनता के विश्वास को ठेस पहुंच रही है।

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इस विवाद का समाधान खोजने के लिए निष्पक्ष जांच और आरोपियों पर उचित कार्रवाई आवश्यक है। साथ ही, भाजपा नेतृत्व को अपने नेताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए, ताकि मझौली नगर परिषद में विकास कार्य सुचारु रूप से आगे बढ़ सकें।

यह मामला न केवल स्थानीय राजनीति बल्कि पार्टी की आंतरिक व्यवस्था के लिए भी एक चेतावनी है। यदि समय रहते इसे हल नहीं किया गया, तो इसका प्रभाव आगामी चुनावों पर पड़ सकता है।

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