सजवानी कला, सिहावल जनपद में पीडब्ल्यूडी द्वारा करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही सड़क और पुल के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री और खराब निर्माण गुणवत्ता की शिकायतें सामने आई हैं। स्थानीय ग्रामीणों और संबंधित अधिकारियों के अनुसार, निर्माण में अनियमितता, मनमानी और मानकों की अनदेखी की जा रही है, जिससे पुल में दरारें और सड़क के कमजोर होने जैसी गंभीर समस्याएं उभर रही हैं।
मुख्य आरोप और समस्याएं:
- गुणवत्ता की अनदेखी:
- मुरुम के स्थान पर मिट्टी का उपयोग।
- पुरानी दीवारों और क्षतिग्रस्त पुलियों को सही तरीके से बदलने के बजाय अस्थायी मरम्मत।
- मटेरियल की लैब टेस्टिंग नहीं की जा रही।
- संविदाकार की मनमानी:
- न्यू भवानी ज्वेलर्स, जो इस निर्माण कार्य में शामिल है, पहले भी घटिया कार्य के लिए चर्चित रही है।
- पुल और नाली निर्माण में खराब गुणवत्ता का सामान और तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
- कमीशन और सांठगांठ:
- निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग के लिए तैनात एसडीओ और इंजीनियर की भूमिका पर सवाल।
- अधिकारियों की निष्क्रियता और ठेकेदार के बिल तुरंत पास करना।
- ग्रामीणों की शिकायतें:
- ग्रामीणों का आरोप है कि 6 महीने में ही सड़क और पुल बारिश में पूरी तरह खराब हो जाएंगे।
- जब ग्रामीणों ने निर्माण कर्मचारियों से बात की, तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने का सुझाव देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
स्थानीय लोगों और अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
- ग्रामीणों का कहना:
“सड़क और नाली इतनी खराब गुणवत्ता की हैं कि पहली ही बारिश में बह जाएंगी। ठेकेदार केवल दिखावे का काम कर रहे हैं।” - एसडीओ सत्येंद्र बागरी (पीडब्ल्यूडी):
“हमने संविदाकार को कई बार मौखिक और लिखित रूप से कार्य सुधारने के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके काम में कोई सुधार नहीं हुआ। अब इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।”
न्यू भवानी ज्वेलर्स पर पुराने आरोप:
- यह संविदाकार पहले भी जिला पंचायत के रंग-रोगन कार्य में अनियमितताओं के लिए बदनाम रहा है।
- आधे-अधूरे कार्य के बाद भी पूरी भुगतान राशि लेने के आरोप।
- इनकी कार्यशैली में गुणवत्ता की जगह सांठगांठ और लाभ कमाने पर जोर दिया जाता है।
ग्रामीणों की मांग:
- घटिया निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच हो।
- संबंधित ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
- सड़क, पुल और नाली निर्माण कार्य को मानकों के अनुसार ठीक कराया जाए।
सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती:
सीधी जिले में लगातार घटिया निर्माण कार्यों की शिकायतें आम हो चुकी हैं। ऐसे में ठेकेदार, अधिकारी और राजनेताओं की मिलीभगत पर लगाम लगाना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए अहम चुनौती है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो न केवल क्षेत्रीय विकास प्रभावित होगा बल्कि जनता का विश्वास भी डगमगा सकता है।
यह भी पढ़े:- भारत की जीडीपी में गिरावट, मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया निराशाजनक लेकिन चिंताजनक नहीं