गरुड़ 105 V2: एक नए युग की शुरुआत
भारत की रक्षा क्षमताओं में एक नया आयाम जोड़ने के लिए ‘गरुड़ 105 V2’ एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है। यह एक हल्की फील्ड गन है, जिसे खासतौर पर सीमाओं पर तैनात किया जा सकता है। फिलहाल, इस तोप के परीक्षण पूरे हो चुके हैं और भारतीय सेना इसको जल्दी ही अपनी जंग की ताकत में शामिल करने वाली है।
भारतीय सेना के पास पहले से कई प्रकार की आर्टिलरी मौजूद है, लेकिन यह नया हथियार, जिसे ‘गरुड़ 105 V2’ कहा जा रहा है, अन्य तोपों से बेहद हल्का और अत्यधिक पोर्टेबल है। इसे किसी भी 4X4 वाहन पर आसानी से फिट किया जा सकता है और किसी भी इलाके में इसे तैनात किया जा सकता है, चाहे वह ऊंची पहाड़ियां हों या गर्म रेगिस्तान।


‘गरुड़ 105 V2’ की तकनीकी खासियतें
‘गरुड़ 105 V2’ एक 105 मिलीमीटर की फील्ड गन है, जिसे एक वाहक पर आसानी से लगाया जा सकता है। यह तोप अपनी श्रेणी में अन्य तोपों के मुकाबले हल्की है, जिससे इसे कहीं भी जल्दी तैनात किया जा सकता है। कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स और भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह तोप 360 डिग्री तक घुम सकती है, जिससे किसी भी दिशा में फायरिंग करना बेहद आसान हो जाता है।
इसके अलावा, ‘गरुड़ 105 V2’ का हाइब्रिड रिकॉयल सिस्टम इसे अधिक स्थिर बनाता है, जिससे ऑपरेटर को फायरिंग के दौरान बहुत कम झटका लगता है। यह तोप दिन के समय एक मिनट में चार शॉट्स और रात के समय दो मिनट में तैयार हो सकती है।
‘गरुड़ 105 V2’ और भारतीय सेना की भविष्यवाणी
यह तोप भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, खासकर सीमाओं पर जहां हालात कभी भी बदल सकते हैं। चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर इस तोप की तैनाती भारतीय सेना को न केवल ताकतवर बनाएगी, बल्कि ये दुश्मनों के लिए एक चेतावनी भी होगी।


चीन, जो गलवान घाटी में भारत से टकरा चुका था, अब ‘गरुड़ 105 V2’ जैसी अत्याधुनिक तोपों के सामने कोई भी हिमाकत करने से पहले सौ बार सोचेगा। इसी तरह, पाकिस्तान के लिए भी यह तोप एक मजबूती का प्रतीक बनेगी।
कल्याणी सिस्टम्स और मेक इन इंडिया का योगदान
‘गरुड़ 105 V2’ को भारत में ही विकसित किया गया है, और यह मेक इन इंडिया प्रोग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे भारत फॉर्ज के स्वामित्व वाली कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स ने विकसित किया है। कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स पहले ही कई प्रकार के आर्टिलरी सिस्टम और रक्षा उपकरणों का निर्माण करती आ रही है, और यह कंपनी अब भारत के रक्षा क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठा रही है।
इसके अलावा, ‘गरुड़ 105 V2’ को रूस-यूक्रेन युद्ध में भी इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसके प्रभावी होने की पुष्टि हुई है। अब यह तोप भारतीय सेना की ताकत में एक और सशक्त जोड़ बनने जा रही है।
आखिरकार, क्यों यह तोप चीन और पाकिस्तान के लिए खतरनाक है?
चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर तैनात होने वाली ‘गरुड़ 105 V2’ भारतीय सेना को युद्ध के मैदान में पूरी ताकत और मजबूती देगी। इसकी पोर्टेबिलिटी और फायरिंग रेंज इसे किसी भी इलाके में तैनात करने के लिए एक आदर्श हथियार बनाती है। इसे यदि सही तरीके से तैनात किया जाता है, तो यह दुश्मनों के लिए एक निर्णायक बढ़त साबित हो सकता है।
भारत की इस नई ‘गरुड़ 105 V2’ तोप के आगमन से, यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो भारत अपनी सीमाओं पर पहले से कहीं अधिक मजबूत और सक्षम होगा, और चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए भविष्य में किसी भी तरह की चुनौती देना आसान नहीं होगा।
यह तोप न केवल भारतीय सेना की शक्ति को बढ़ाएगी, बल्कि यह भारतीय रक्षा उद्योग की आत्मनिर्भरता और सशक्तता को भी एक नया रूप देगी।
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