सीधी, मध्य प्रदेश – जिले में गुमशुदा नाबालिग बच्चों को खोजने और उन्हें उनके परिजनों से मिलाने के उद्देश्य से सीधी पुलिस ने “ऑपरेशन मुस्कान” के तहत शानदार काम किया है। वर्ष 2024 में पुलिस ने कुल 249 गुमशुदा बच्चों को खोजकर सुरक्षित उनके परिवारों तक पहुंचाया। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में 10.66 प्रतिशत अधिक है।
2024 में 225 गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज
वर्ष 2024 में जिले से कुल 225 गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज किए गए थे। इनमें बड़ी संख्या लड़कियों की थी। पुलिस ने इन प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए अपहरण की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई शुरू की।
सीधी पुलिस ने देशभर के विभिन्न राज्यों और शहरों से इन नाबालिगों को दस्तयाब किया। इनमें गुजरात, मुंबई, जयपुर, पुणे, गोवा, हैदराबाद, मद्रास, इंदौर, बेंगलुरु, दिल्ली, और दमनदीप जैसे स्थान शामिल हैं। इन बच्चों को सुरक्षित तरीके से वापस लाकर वैधानिक प्रक्रिया के बाद उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया।
लंबित मामलों का भी हुआ निपटारा
पुलिस ने न केवल हाल के गुमशुदगी के मामलों को सुलझाया, बल्कि 10 साल से अधिक समय से लंबित प्रकरणों में भी सफलता हासिल की।
- 2014 का मामला: कोतवाली में दर्ज अपराध के तहत एक अपहृता को प्रयागराज के फाफामऊ से दस्तयाब किया गया।
- 2015 का मामला: थाना जमोड़ी में दर्ज अपराध की अपहृता को मैहर से वापस लाया गया।
- 2017 का मामला: कोतवाली में दर्ज प्रकरण की अपहृता को उज्जैन से दस्तयाब कर परिजनों को सौंपा गया।
आरोपियों पर सख्त कार्रवाई
जिन मामलों में नाबालिगों ने अपने बयान में किसी के द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाने की बात कही, उनमें पुलिस ने संबंधित आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह कदम पुलिस की तत्परता और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के इरादे को दर्शाता है।
ऑपरेशन मुस्कान के तहत पुलिस ने न केवल नाबालिगों को वापस लाया बल्कि उनके परिजनों के चेहरों पर मुस्कान भी लौटाई। पुलिस की इस पहल को समाज के विभिन्न वर्गों से सराहना मिल रही है।
पुलिस मुख्यालय की विशेष पहल
पुलिस मुख्यालय के निर्देशन में चलाए गए इस अभियान में थाना, चौकी प्रभारियों और तकनीकी विशेषज्ञों ने मिलकर कार्य किया। बच्चों को ढूंढने में तकनीकी साक्ष्यों और भौतिक जांच का सहारा लिया गया।
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सीधी पुलिस का यह अभियान दिखाता है कि समाज और परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस कितनी प्रतिबद्ध है। गुमशुदा बच्चों को वापस लाने के इस कार्य ने न केवल पुलिस विभाग की छवि को मजबूत किया है, बल्कि इसे एक मानवतावादी कदम के रूप में देखा जा रहा है।
सीधी जिले में पुलिस का यह प्रयास बच्चों और उनके परिजनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। ऑपरेशन मुस्कान ने साबित कर दिया कि सही दिशा और दृढ़ निश्चय के साथ बड़ी से बड़ी चुनौती का समाधान किया जा सकता है।