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BCCI की नई गाइडलाइंस: विदेशी दौरों पर सख्ती और खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर जोर

भारतीय क्रिकेट टीम के ऑस्ट्रेलिया के हाथों बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एक रिव्यू मीटिंग आयोजित की। इस बैठक में विदेशी दौरों के लिए नए नियम और खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस को लेकर सख्त गाइडलाइंस पर चर्चा की गई।

विदेशी दौरों पर परिवारों की सीमित उपस्थिति

नई गाइडलाइंस के अनुसार, अब खिलाड़ियों के परिवारों की मौजूदगी पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।

  • टूर की अवधि:
    • अगर दौरा 45 दिनों या उससे अधिक का है, तो खिलाड़ी अपने परिवार को केवल 14 दिनों तक साथ रख सकते हैं।
    • 45 दिनों से कम के दौरे पर यह सीमा 7 दिनों तक होगी।
  • पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों की पत्नियां या परिवार साथ नहीं रह सकते।

गौतम गंभीर के निजी मैनेजर पर प्रतिबंध

हेड कोच गौतम गंभीर के निजी मैनेजर को VIP बॉक्स या टीम बस में बैठने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें टीम से अलग होटल में रुकना होगा।

खिलाड़ियों के सामान और खर्च पर नियम

  • खिलाड़ियों के सामान की सीमा 150 किलोग्राम तय की गई है।
  • अतिरिक्त सामान शुल्क का भुगतान अब खिलाड़ी स्वयं करेंगे, बोर्ड इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा।

जैसी परफॉर्मेंस वैसा पैसा

रिपोर्ट्स के अनुसार, BCCI खिलाड़ियों की सैलरी को उनके प्रदर्शन से जोड़ने पर विचार कर रहा है।

  • यह कदम खिलाड़ियों को रेड बॉल क्रिकेट में अपनी जिम्मेदारी को लेकर और अधिक जवाबदेह बनाने के लिए उठाया जा रहा है।
  • खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के अनुसार भुगतान किया जाएगा।

इन्सेन्टिव स्कीम पर चर्चा

इससे पहले, टेस्ट क्रिकेट को प्रोत्साहित करने के लिए बोर्ड ने इन्सेन्टिव स्कीम लॉन्च की थी:

  • जो खिलाड़ी सीजन के 50% टेस्ट मैच खेलता है, उसे प्रति मैच 30 लाख रुपये का इन्सेन्टिव मिलता है।
  • 75% मैच खेलने पर यह राशि 45 लाख रुपये हो जाती है।

भारत की हालिया हार और बदलाव की मांग

टीम इंडिया का प्रदर्शन हाल ही में काफी निराशाजनक रहा है:

  • ऑस्ट्रेलिया में 1-3 से हारकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाई।
  • न्यूजीलैंड से घरेलू मैदान पर 0-3 से टेस्ट सीरीज हारी।
    इन हारों के बाद टीम इंडिया विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल की रेस से बाहर हो गई है।

टीम में बदलाव की जरूरत

हार के बाद पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने टीम में बदलाव की मांग की है। कप्तानी में बदलाव और नई रणनीतियों की आवश्यकता पर भी जोर दिया जा रहा है।

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BCCI की नई गाइडलाइंस खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार और टीम की जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। बोर्ड अब खिलाड़ियों की फिटनेस, अनुशासन और प्रदर्शन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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