सीधी जिले के विकासखंड सिहावल क्षेत्र के संकुल खुटेली अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय ओदरा में भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं की खबर ने प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। प्रधानाध्यापक और समूह संचालक पर मिलकर सरकारी योजनाओं और नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप है।
मीडिया कवरेज में उजागर हुई सच्चाई
हाल ही में मीडिया कवरेज के दौरान विद्यालय में अव्यवस्थाओं का आलम देखा गया। रिपोर्ट में बताया गया कि विद्यालय में निर्धारित मेनू के अनुसार भोजन नहीं बनवाया जा रहा है। छात्रों को मनमाने ढंग से तैयार भोजन दिया जा रहा है, जो पोषण और गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतरता। यह मामला पहली बार नहीं उठा है; इससे पहले भी ऐसी शिकायतें सामने आई थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।


अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका
जब जिम्मेदार अधिकारियों से इस मामले पर बात करने का प्रयास किया गया, तो उनकी चुप्पी ने स्थिति को और संदेहास्पद बना दिया। अधिकारियों पर यह आरोप है कि वे कार्रवाई करने के बजाय प्रधानाध्यापक और समूह संचालक को अप्रत्यक्ष संरक्षण दे रहे हैं। यह भी सवाल उठता है कि क्या उनकी निष्क्रियता भ्रष्टाचार में भागीदारी का संकेत है।
समूह संचालक पर मनमानी के आरोप
विद्यालय में समूह संचालक पर नियमों की अनदेखी कर मनमानी का आरोप है। भोजन तैयार करने में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा है। यह न केवल छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग भी है।
इस स्थिति से छात्रों और अभिभावकों में गहरी नाराजगी है। छात्रों का कहना है कि उन्हें मिलने वाला भोजन गुणवत्ता में खराब होता है। अभिभावक बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन की अनदेखी से हताश हो गए हैं।
जांच और कार्रवाई की मांग
इस गंभीर मामले पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता सरकार से इस भ्रष्टाचार की गहन जांच करवाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन की परीक्षा
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगा और दोषियों पर कार्रवाई करेगा, या यह मामला अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा। ओदरा विद्यालय का यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है।
यह भी पढ़ें :- देव कुमार सिंह चौहान फिर बने सीधी भाजपा के जिला अध्यक्ष
ओदरा विद्यालय में चल रही इन अव्यवस्थाओं को लेकर जांच और कार्रवाई का इंतजार है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।