सीधी जिले में शिक्षा विभाग की स्थिति लगातार सवालों के घेरे में है। रामपुर नैकिन के भितरी गांव के डाड़ी टोला में संचालित अशासकीय हायर सेकेंड्री स्कूल (हरिजन आदिवासी शिक्षण एवं कल्याण समिति) पर गंभीर आरोप लगे हैं। यह स्कूल केवल कागजों में चल रहा है, जहां भवन, छात्र और शिक्षकों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
सीधी:- शिक्षा के नाम पर फर्जीवाड़ा
ग्रामीणों के आरोपों के अनुसार, इस विद्यालय में जिन छात्रों को दाखिला दिया जाता है, वे स्थानीय नहीं होते। दूर-दराज से आए छात्रों को केवल परीक्षा में नकल करवाने के लिए दाखिला दिया जाता है। इन छात्रों से भारी शुल्क वसूला जाता है।
विद्यालय में शिक्षक नाम मात्र के हैं। जिनका नाम उपस्थिति पंजी में दर्ज है, वे न तो शासन से अनुमोदित हैं और न ही विद्यालय में कभी उपस्थित होते हैं। इतना ही नहीं, शिक्षकों को वेतन और अन्य सुविधाएं भी नहीं दी जातीं।
नकली प्रबंधकारिणी और वित्तीय अनियमितताएं
विद्यालय की प्रबंधकारिणी को लेकर भी गंभीर आरोप हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रबंधकारिणी की सूची फर्जी है और इसे बिना संस्थापक सदस्यों की सहमति के तैयार किया गया है। समिति के पुराने सदस्यों को अंधेरे में रखते हुए नई सूची पंजीकरण कार्यालय और अन्य शासकीय कार्यालयों में प्रस्तुत कर दी गई।

परीक्षा केंद्र का दुरुपयोग
विद्यालय प्रबंधन पर आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत से हर साल परीक्षा केंद्र तय किया जाता है। परीक्षा केंद्र के रूप में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कंधवार का उपयोग किया जाता है। नकल की सुविधा देने और छात्रों को पास कराने के लिए मोटी रकम वसूली जाती है।
आदिवासियों के नाम पर धोखाधड़ी
यह संस्था हरिजन और आदिवासी छात्रों के कल्याण के नाम पर संचालित हो रही है, लेकिन इन वर्गों के छात्रों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। स्थानीय छात्रों को प्रवेश देने के बजाय पैसे वाले बाहरी छात्रों को दाखिला दिया जाता है।
जांच की मांग
शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि इस स्कूल की मान्यता रद्द की जाए और प्रबंधकारिणी की फर्जी सूची की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, परीक्षा केंद्र को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की भी मांग की गई है।
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सीधी जिले के इस मामले ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों की शिकायत और आरोपों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह की धोखाधड़ी समाज और भविष्य के लिए खतरनाक है।