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दिल्ली विधानसभा चुनाव:- तीनों प्रमुख पार्टियों की उम्मीदवार सूची पर गहराई से नजर

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने अपनी-अपनी उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इन सूचियों में जातिगत संतुलन, परिवारवाद और महिला प्रतिनिधित्व जैसे विषयों पर गहन चर्चा हो रही है। हालांकि, तीनों दलों की रणनीतियों में कुछ समानताएं और कुछ महत्वपूर्ण अंतर नजर आते हैं।

परिवारवाद: नेताओं के परिवार को प्राथमिकता

तीनों प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवारों की सूची में नेताओं के बेटों-बेटियों और रिश्तेदारों को प्राथमिकता दी है:

  1. कांग्रेस:
    कांग्रेस ने 8 टिकट पूर्व सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के परिवार के सदस्यों को दिए हैं।
    • सबसे चर्चित नाम संदीप दीक्षित का है, जो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं।
    • लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री भी कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
    • इसके अलावा, चार अन्य पूर्व विधायकों और मंत्रियों के बेटों-बेटियों को टिकट मिला है।
  2. AAP:
    आम आदमी पार्टी ने 6 टिकट पूर्व विधायकों के बेटों-बेटियों को दिए हैं।
    • इनमें शोएब इकबाल, मतीन अहमद, और महाबल मिश्रा जैसे पूर्व विधायकों के बेटे शामिल हैं।
    • टिकट आमतौर पर उन्हीं सीटों पर दिए गए हैं जहां उनके परिवार पहले सक्रिय रहे हैं।
  3. बीजेपी:
    बीजेपी ने 3 नेताओं के बेटों को टिकट दिया है।
    • पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा और मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना जैसे नाम शामिल हैं।
    • बीजेपी इस मुद्दे पर अपेक्षाकृत कम घिरी हुई दिखती है।

सोशल इंजीनियरिंग और जातिगत समीकरण

दिल्ली की जातिगत संरचना ने टिकट वितरण में अहम भूमिका निभाई है।

अपर कास्ट (उच्च जाति)

  • AAP ने 48%, बीजेपी ने 45%, और कांग्रेस ने 35% टिकट उच्च जाति के उम्मीदवारों को दिए।
  • ब्राह्मणों को:
    • AAP ने 19%,
    • बीजेपी ने 17%,
    • कांग्रेस ने 16% टिकट दिए।
  • राजपूतों और वैश्य समुदाय के उम्मीदवारों पर भी ध्यान दिया गया।

OBC उम्मीदवार

  • कांग्रेस ने OBC समुदाय के लिए सबसे ज्यादा 30% टिकट दिए।
  • AAP ने 25% और बीजेपी ने 20% टिकट इस वर्ग को दिए।
  • जाट और गुज्जर उम्मीदवारों को भी प्राथमिकता दी गई।

अल्पसंख्यक समुदाय

  • दिल्ली की 7 मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर सभी दलों की नजर है।
    • कांग्रेस ने 7 में से 6 मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे।
    • AAP ने 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया।
    • बीजेपी ने किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया।

महिला प्रतिनिधित्व

महिला सम्मान पर जोर देने के बावजूद, महिला उम्मीदवारों की संख्या काफी कम है:

  • AAP और बीजेपी ने 9-9 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया।
  • कांग्रेस ने केवल 8 महिला उम्मीदवारों को उतारा।
  • दिल्ली में महिला वोटर 46% हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक भागीदारी का यह आंकड़ा बेहद कम है।

विश्लेषण और निष्कर्ष

  1. परिवारवाद का बोलबाला:
    तीनों पार्टियों ने परिवारवाद के मुद्दे पर आलोचनाओं के बावजूद नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देना जारी रखा।
  2. जातिगत संतुलन:
    टिकट वितरण में जातिगत समीकरण का महत्व दिखता है, विशेष रूप से ब्राह्मण, राजपूत, और OBC वोटरों को ध्यान में रखा गया है।
  3. महिला भागीदारी की कमी:
    महिला सम्मान की बात तो हुई, लेकिन टिकट वितरण में महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।
  4. मुस्लिम समुदाय पर फोकस:
    मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर AAP और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला नजर आ रहा है, जबकि बीजेपी की मुस्लिम उम्मीदवारों से दूरी उसकी परंपरागत नीति को दर्शाती है।

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2025 का दिल्ली चुनाव जातिगत समीकरणों, परिवारवाद और महिलाओं के सीमित प्रतिनिधित्व के साथ, तीनों दलों के लिए कड़ी चुनौती लेकर आया है।

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