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अरविंद केजरीवाल का केंद्र सरकार पर आरोप: ‘मिडिल क्लास को ATM समझ लिया है’

आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास को “टैक्स टेररिज्म” का शिकार बनाया जा रहा है और सरकार जरूरत पड़ने पर टैक्स बढ़ाकर उनसे धन वसूलती है।

केंद्र सरकार से 7 मांगें

अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास के हितों को ध्यान में रखते हुए 7 प्रमुख मांगें रखी हैं:

  1. शिक्षा बजट में बढ़ोतरी
    • शिक्षा के लिए वर्तमान 2% बजट को बढ़ाकर 10% किया जाए।
    • प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित किया जाए।
    • उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी उपलब्ध कराई जाए।
  2. स्वास्थ्य सुधार
    • हेल्थ बजट को बढ़ाकर 10% किया जाए।
    • हेल्थ इंश्योरेंस को टैक्स फ्री किया जाए।
  3. इनकम टैक्स में राहत
    • टैक्स-फ्री आय की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक की जाए।
  4. जीएसटी में छूट
    • आवश्यक वस्तुओं (Essential Commodities) पर जीएसटी हटाया जाए।
  5. वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधाएं
    • वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए।
    • रेलवे में बुजुर्गों को 50% छूट मिले।

“मिडिल क्लास और टैक्स टेररिज्म”

केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास को राजनीतिक दलों के एजेंडे में नजरअंदाज किया जाता है। उन्होंने मिडिल क्लास को टैक्स के बोझ से राहत देने की मांग की और कहा कि यह वर्ग बड़ी संख्या में टैक्स देता है, लेकिन उनके लिए कोई विशेष योजनाएं नहीं बनाई जातीं।

फ्री योजनाओं पर बचाव

  • केजरीवाल ने अपनी “फ्री योजनाओं” का बचाव करते हुए कहा कि ये योजनाएं जनता के पैसे को जनता के ही फायदे के लिए इस्तेमाल करती हैं।
  • उन्होंने इसे “फ्री की रेवड़ी” कहने की आलोचना की और बताया कि विदेशों में इस तरह की योजनाओं की सराहना होती है।

‘मिडिल क्लास बजट’ की मांग

आम आदमी पार्टी के सांसदों से केजरीवाल ने संसद में मिडिल क्लास के मुद्दों को उठाने की अपील की। उन्होंने एक ऐसा बजट पेश करने की मांग की, जो मिडिल क्लास को केंद्र में रखकर बनाया गया हो।

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अरविंद केजरीवाल ने अपनी मांगों के जरिए मध्यम वर्ग को राहत देने की जरूरत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि टैक्स का उपयोग जनता के हित में होना चाहिए, और मिडिल क्लास को राजनीतिक विमर्श का केंद्र बनाया जाना चाहिए।

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